पचीसिया एवं किराडू ने लिखा प्रधानमंत्री मोदी को पत्र
तहलका न्यूज,बीकानेर। बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया एवं सचिव वीरेंद्र किराडू ने भामाशाहों द्वारा राष्ट्र हित में किये जाने वाले खर्च से केन्द्रीय जीएसटी में पूर्ण राहत प्रदान करने हेतु पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला,वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण,केन्द्रीय क़ानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल एवं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भिजवाया| पत्र में बताया गया कि राष्ट्र निर्माण में भामाशाहों का सर्वाधिक योगदान आजादी पूर्व से चलता आ रहा है|भामाशाहों के योगदान से निर्माण करने जैसे शिक्षा,चिकित्सा,जल के संचय हेतु कुँए,बावड़ी,तालाब,गौसेवा, सडकें व अन्य क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका रही है|वर्तमान में भी भामाशाहों के योगदान से सेवा प्रकल्प निरंतर जारी है | पूर्व में भामाशाहों द्वारा जब भी सेवा प्रकल्प कराए गये तब संबंधित केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा किसी भी प्रकार का करारोपण नहीं किया जाता था|वर्तमान में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जीएसटी प्रभावी होने के पश्चात भामाशाहों द्वारा जो जनहित में सेवा कार्य किये जा रहे हैं इस हेतु किये जाने वाले निर्माण करवाकर,उपकरणों व संयंत्र लगाकर सरकारों को हस्तांतरण कर दिया जाता है, उस पर वर्तमान में जीएसटी व अन्य कर लगाए जाते हैं जो कि सर्वदा अनुचित है|जहां एक और भामाशाह अपनी जन्मभूमि एवं अपनी कर्मभूमि के विकास एवं समाज के हित के लिए अपने खून पसीने से कमाई हुई पूँजी को खर्च कर अपने सामाजिक कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहते हैं वहीं दूसरी और केंद्र व राज्य सरकारें भामाशाहों के द्वारा करवाए गये जनहित के कार्यों पर जीएसटी जैसे करारोपण कर दान की भावना को आहत पहुंचाते हैं | सामाजिक सरोकार के तहत करवाए गये निर्माण कार्यों एवं निर्माण पश्चात निर्मित भवन राज्य सरकार को सुपुर्द करने के कार्य में जीएसटी जैसे करों को रोपित करना न्यायोचित नहीं है|वर्तमान में जीएसटी कौंशिल में जीएसटी दरों में जो संसोधन किया जाना प्रस्तावित है उसमें इस प्रकार के जीएसटी हटाने जैसे नियम को शामिल किया जाए|

रीको के हस्तांतरित औद्योगिक क्षेत्रों को जल्द राहत मिलने की उम्मीद
बीकानेर जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया ने बताया कि जल्द ही राजस्थान के 37 हस्तांतरित औद्योगिक क्षेत्रों को राहत मिलने की उम्मीद नजर आने लगी है|दरअसल 1 सितंबर से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में राजस्थान लैंड रेवेन्यू बिल 2025 को पेश किये जाने की उम्मीद बनी है|इसके पारित होने से राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम को हस्तांतरित औद्योगिक क्षेत्रों में प्रशासनिक अधिकार मिल जायेंगे जिससे उद्यमियों की राह आसान होगी|यह बिल पिछली बार विधानसभा सत्र में प्रवर कमेटी को परीक्षण के लिए भेजा गया था|बताया जा रहा है कि कमेटी की बैठक के बाद यह बिल विधानसभा में पेश किया जाएगा|इससे रिको को हस्तांतरित किये गये 37 औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि का उप विभाजन, मर्जर, नियमितीकरण, भू उपयोग के विनिर्देश और अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के प्रशासनिक अधिकार मिल जाएंगे क्योंकि वर्तमान में न्यायिक रोक के कारण रीको इन मामलों में सीधे कार्यवाही नहीं कर पा रहा है|राजस्थान लैंड रेवेन्यू बिल 2025 विधानसभा में पास होने से हजारों उद्यमियों को राहत मिलेगी इससे औद्योगिक क्षेत्रों में विकास होगा और हजारों श्रमिकों और कर्मचारियों के लिए रोजगार के नए मार्ग प्रशस्त होंगे|