



तहलका न्यूज,बीकानेर। राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय मे अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उच्च शिक्षा राजस्थान की स्थानीय इकाई की तरफ से वार्षिक गुरु वंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता शिव बाड़ी मठ अधिष्ठाता स्वामी विमर्शानन्द जी महाराज, विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के सेवा प्रकोष्ठ के संयोजक प्रोफेसर शशिकांत,अध्यक्ष प्राचार्य प्रोफेसर नवदीप सिंह बैंस, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रोफेसर उज्ज्वल गोस्वामी,विभाग सह संयोजक प्रोफेसर हेमेन्द्र कुमार अरोड़ा ने कार्यक्रम का प्रारंभ माँ सरस्वती के दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण कर किया।कार्यक्रम के प्रारम्भ में विषय प्रवर्तन करते हुए प्रोफ़ेसर उज्ज्वल गोस्वामी ने अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के वर्ष पर्यन्त आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए कहा कि सनातन पद्धति में गुरु शिष्य परंपरा वर्तमान संदर्भ में भी ज्ञान के हस्तांतरण के लिए आवश्यक है। प्रोफेसर गोस्वामी ने कहा कि ज्ञान ही इस जगत में सबसे पवित्र वस्तु है और उस ज्ञान के लिए गुरु की महत्ता स्वयं सिद्ध है।मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता शिववाड़ी मठ अधिष्ठाता स्वामी विमर्शानन्द ज़ी ने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों एवम् विद्वत समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनेअपने जीवन के प्रमुख उद्देश्यों को पूर्ण करने हेतु चिन्तन करने की आवश्यकता है। हर व्यक्ति को अपने अन्दर परिवर्तन लाकर भारत के देदीप्यमान स्वरूप को पुनः विश्व के समक्ष प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। सांसारिक जगत् में व्याप्त बुराइयों से विमुक्त होकर सन्मार्ग पर चलते हुए सच्चे राष्ट्रभक्त के रूप में अपने आप को सिद्ध करने से ही भारत की आभा सर्वत्र व्याप्त हो सकेगी।कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं प्राचार्य प्रोफेसर नवदीप सिंह बेंस ने कहा के गुरु के बिना ज्ञान संभव नहीं है, गुरु ही ज्ञान का वाहक हैं अतः श्रद्धा एवं निष्ठा से गुरु के शरण में जाने से जीवन में उन्नति को प्राप्त किया जा सकता है। प्रोफेसर बैंस ने गुरू वाणी, गुरुद्वारा आदि के शाब्दिक अर्थों का विवेचन करते हुए गुरु की महत्ता को प्रतिपादित किया । कार्यक्रम के अंत में विभाग सह संयोजक प्रोफेसर हेमेन्द्र अरोड़ा ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए अपने जीवन की उन्नति का आधार गुरुओं को बताया।संचालन इकाई सचिव डॉ॰राधा सोलंकी ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सदस्यों एवं छात्राओं ने बढ़ चढ़कर सहभागिता की।