तहलका न्यूज,बीकानेर। शहर ने दोपहर करीब एक बजे अचानक मौसम का मिजाज बदल गया। इसके बाद मूसलाधार बारिश का दौर शुरू हो गया। इससे सुबह से पड़ रही तेज गर्मी और उमस से लोगों को राहत मिली। हालांकि रविवार को तेज बारिश को लेकर मौसम विभाग की ओर से पहले से ही अलर्ट जारी किया गया था। तेज बारिश के साथ-साथ कई क्षेत्रों में ओले भी गिरे। करीब डेढ़ घंटे तक तेज तो उसके बाद रुक-रुक कर बारिश का दौर अभी भी जारी है। तेज बारिश के शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया। इससे पहले शनिवार को भी लगभग छह डिग्री तक पार गिर गया। वहीं न्यूनतम भी पांच डिग्री कम रहा। इस दौरान अधिकतम 36.2 डिग्री एवं न्यूनतम 27.8 डिग्री रहा। दिन में धूप निकली रही लेकिन तेज गर्मी महसूस नहीं हुई। दोपहर को एक बार बादलों का आना शुरू हो गया। इस दौरान एक बार घने काले बादलों ने डेरा जमा लिया लेकिन हवा के चलते बादल छितरा गए। मौसम विभाग के अनुसार 28 एवं 29 मई को बीकानेर संभाग सहित कुछ जिलों में दोपहर बाद तेज मेघ गर्जन, अंधड़ एवं तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार प्रदेश में अगले 48 घंटों में जहां 60 किलोमीटर की रफ्तार से धूल-भरी आंधी चलने के साथ बारिश की संभावना है। वहीं, 28 मई से नया पश्चिम विक्षोभ एक्टिव हो जाएगा, जिससे एक बार फिर बारिश का सिलसिला शुरू होगा। ऐसे में अगले 7 दिनों तक राजस्थान में मौसम कूल-कूल ही रहेगा। इसके बाद 28 और 29 मई को एक नया वेस्टर्न डिस्टर्बेंस एक्टिव हो जाएगा। तब प्रदेशभर के अधिकतर जिलों में धूल-भरी आंधी के साथ बारिश होने की संभावना है। ऐसे में अगले 7 दिन अब प्रदेश में हीट वेव नहीं चलेगी।
तूफानी बारिश के साथ ओलावृष्टि का अलर्ट
मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 24 घंटे में दौसा, धौलपुर, टोंक, करौली, सवाई-माधोपुर और भरतपुर में 60 किलोमीटर की रफ्तार से आंधी चलने के साथ ओलावृष्टि की प्रबल संभावना है। वहीं जयपुर, अजमेर, अलवर, बारां, भीलवाड़ा, बूंदी, झालावाड़, झुंझुनूं, कोटा, सीकर, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, जोधपुर, नागौर, बूंदी, जैसलमेर, बाड़मेर, हनुमानगढ़, पाली, भीलवाड़ा, चित्तौडग़ढ़ और श्रीगंगानगर में 50 किलोमीटर की रफ्तार से धूल-भरी आंधी के साथ बारिश होने की संभावना है। उधर, मौसम विभाग ने आम लोगों को सलाह दी है कि वो 28 व 29 मई को सुरक्षित स्थान पर रहें और बिना जरूरत यात्रा नहीं करें। खुले स्थानों पर नहीं रहें और पेड़ के नीचे शरण नहीं लें। बिजली गिरने की स्थिति में सबसे पहले पेड़ के नीचे खड़े लोग ही चपेट में आते हैं।