सीमावर्ती जिलों के अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत

दिल्ली ।शुक्रवार को एक अहम मामले की सुनवाई के दौरान प्रदेश के विभिन्न सीमावर्ती जिलों के अनिवार्य स्नातक उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए बड़ी राहत की ख़बर आई|सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार बनाम नवीन स्वामी व अन्य के मामले में प्रदेश सरकार व माध्यमिक निदेशालय की ओर से दायर एसएलपी को प्रथम सुनवाई में ही खारिज कर दिया है| इसके साथ ही पिछले कई वर्षों से नजदीकी अन्य राज्यों से स्नातक में अनिवार्य अंग्रेजी विषय उत्तीर्ण उन अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है जिन्होंने नजदीकी हरियाणा,पंजाब,दिल्ली आदि राज्यों के सरकारी विश्वविद्यालयों से स्नातक में अनिवार्य तौर पर अंग्रेजी विषय का अध्ययन किया है|गौरतलब है कि राजस्थान हाईकोर्ट की एकलपीठ वर्ष 2023 में व खंडपीठ जनवरी 2025 में उक्त अनिवार्य स्नातक विषय उत्तीर्ण चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति का आदेश दिया था,उक्त आदेश के बावजूद राजस्थान सरकार व माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने सहायक अध्यापक संविदा भर्ती 2023 में नये संविदा नियमों के हवाले से स्नातक में तीनों वर्ष अनिवार्य अंग्रेजी विषय उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को वैकल्पिक अंग्रेजी विषय उत्तर्ण अभ्यर्थियों के समक्ष मानने से इंकार करते हुए मामले को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी की मार्फत चुनौति दी थी|शुक्रवार को मामले की प्रथम सुनवाई में ही सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार की ओर से दायर एसएलपी को खारिज करते हुए हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है| राजस्थान सरकार बनाम नवीन स्वामी व अन्य के मामले में नियुक्ति से वँचित प्रतिवादियों की ओर से एडवोकेट निशांत बिश्नोई व एडवोकेट हरदीपसिंह सुंदरिया ने रखा पक्ष,वहीं सरकार की ओर से एडवोकेट उदय कुमार सागर ने की पैरवी|जस्टिस विक्रमनाथ व जस्टिस संदीप मेहता की अदालत ने राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए दायर एसएलपी को खारिज कर दिया है|

परिणाम दूरगामी होंगे : सीमावर्ती क्षेत्र के युवाओं के इस मामले में निरंतर संघर्षरत वेदपाल धानोठी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से तीन वर्ष से नियुक्ति का इंतजार कर रहे सीमावर्ती क्षेत्र के अनेक अभ्यर्थियों को जहाँ अब नियुक्ति मिल सकेगी वहीं आगामी भर्तियों में भी यह आदेश कानूनी नज़ीर का काम करेगा | प्रदेश के चूरू सहित हनुमानगढ़,श्रीगंगानगर,सीकर,झुंझुनू,अलवर,धौलपुर,भरतपुर आदि अनेक सीमावर्ती जिलों के युवा व नजदीकी राज्यों से यहां विवाहित महिलाएं उक्त अनिवार्य स्नातक डिग्री की योग्यता रखने वाली महिलाओं को इस प्रकरण बड़ी राहत मिलेगी |उक्त वैध शैक्षणिक योग्यता के बावजूद विभाग द्वारा इसे अदालतों में चुनौति देने की प्रक्रिया पर भी लगाम लग सकेगी|