












तहलका न्यूज,बीकानेर। एक ओर तो राज्य व केन्द्र सरकारें आमजन को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने के दावे करती है और गरीबों को योजनाओं के जरिये संबल प्रदान करने की वाही वाही भी लूटती है। किन्तु ये बातें धरातल पर कितनी सार्थक है। इसका जीता जागता उदाहरण बीकानेर के मुक्ता प्रसाद में निवास कर ही एक विधवा महिला है। जो पिछले 6 साल से बिना बिजली के अपने घर में जीवनयापन कर रही है। अंजू सोनी नाम की इस विधवा का बिजली कनेक्शन बिल जमा नहीं करवाने को लेकर बिजली की निजी कंपनी की ओर से काट दिया गया। जबकि इस विधवा ने कंपनी के अधिकारियों को आसान किश्तों में बिल जमा करवाने की गुहार भी लगाई। परन्तु बिजली कंपनी के अधिकारियों की मानवीयता नहीं जागी और उन्होंने इसके घर से मीटर तक हटा दिया।
कोरोना काल में पति का हो गया था देहांत
पता चला है कि अंजू सोनी के पति का कोरोना काल में निधन के बाद इसके लिये जीविकापार्जन करना मुश्किल हो गया। जिसके चलते घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ती चली गई। अपने 6 साल के बच्चे को पालना भी उनके लिये ढेड़ी खीर था। ऐसे में एक निजी अस्पताल में नौकरी कर जीविका चलाने लगी। लेकिन घर की जरूरत पूरी नहीं हो रही थी कि बिजली का बिल बढ़कर 40 हजार हो गया। कंपनी की ओर से एक मुश्त राशि जमा करवाने के निर्देश आएं तो अंजू ने 10 हजार रूपये प्रतिमाह से अधिक राशि जमा नहीं करने में असमर्थता जताई। पर कंपनी के अधिकारी नहीं माने और बिजली का कनेक्शन काट मीटर उठा ले गये।
पूर्व पार्षद ने कंपनी को दी चेतावनी
बताया जा रहा है कि अनेक जनप्रतिनिधियों के दर दर की ठोकरे खाकर आखिर हारी अंजू ने पूर्व पार्षद मनोज विश्नोई को अपनी पीड़ा सुनाई। विश्नोई ने तुरंत उसके आवास पहुंच हालात देखे। तो पाया कि वो कितनी मुश्किलों में अपना जीवन यापन कर रही है। विश्नोई ने कंपनी के अधिक ारियों से बात की तो टालमटोल करने लगे। उन्होंने खुली चेतावनी दी कि अंजू को प्रतिमाह राशि के आधार पर बकाया वसूली की जाएं और बिजली का कनेक्शन जोड़ा जाएं। ऐसा न होने की स्थिति में आगामी दो दिनों में कंपनी ऑफिस पहुंच ताला लगाने जैसे कदम उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी कंपनी के सीईओ के साथ आमजन किस तरह का व्यवहार कर चुकी है। इस बात को कंपनी के अधिकारी न भूले। वे जरूरतमंदों के न्याय के लिये जेल तक जाने को तैयार है।
अमीरों को राहत-गरीबों के लिये आफत
विश्नोई ने कहा कि कंपनी का दोगला व्यवहार है कि अमीर या ताकतवर पर लाखों रूपये के बिजली के बकाया बिल होने पर कंपनी कार्रवाई करने से कतराती है और उन्हें नियमों से परे जाकर भी उनकी सहूलियत से बिल जमा करने की कार्रवाई करती है। वहीं गरीबों के हजारों रूपये बकाया होने पर कनेक्शन काटने पहुंच जाती है। उन्होंने कहा कि अनेक सरकारी विभागों के भी लाखों रूपये के बिल बकाया चल रहे है। परन्तु उनके खिलाफ कंपनी का रवैया शिथिल रहता है।
