अब तक की सूचियों में एक भी मुस्लिम चेहरा शामिल नहीं होना चर्चा का विषय बना हुआ है। 

जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अब तक जारी चार सूचियों में 184 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है। लेकिन अब तक की इन सूचियों में एक भी मुस्लिम चेहरा शामिल नहीं होना चर्चा का विषय बना हुआ है। इस गंभीर विषय पर ‘पत्रिका’ ने राजस्थान भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेशाध्यक्ष हामिद खान मेवाती से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:

सवाल: प्रदेश भाजपा ने अब तक घोषित 184 प्रत्याशियों के नामों में किसी भी मुस्लिम चेहरे को टिकट नहीं दिया है। क्या आप संतुष्ट हैं?

सवाल: क्या अल्पसंख्यक मोर्चा ने संगठन से अलग से टिकट की कोई मांग की थी? अगर हां, तो उसका क्या हुआ?
जवाब: मोर्चे के कार्यकर्ताओं को तवज्जो देने या टिकट का कोटा रखने की वैसे तो संगठन से कोई डिमांड नहीं की थी, लेकिन हां, चुनाव लड़ने के इच्छुक रहे 8 से 10 नामों के बायोडाटा को प्रदेश नेतृत्व को फॉरवर्ड ज़रूर किया था। हालांकि इनमें से कोई नाम नहीं चुने गए।

सवाल: एक भी मुस्लिम कैंडिडेट नहीं उतारने को लेकर ज़ाहिर है मोर्चा के नेताओं-कार्यकर्ताओं में नाराज़गी होगी। क्या वाकई में ऐसा कुछ दिख रहा है?
जवाब: मुस्लिम कैंडिडेट नहीं उतारे जाने को लेकर अल्पसंख्यक मोर्चे के नेताओं-कार्यकर्ताओं में वैसे तो कोई भारी नाराज़गी नहीं दिख रही है, पर अगर ऐसा कहीं दिखेगा तो उन्हें मनाने के प्रयास होंगे।

सवाल: कार्यकर्ता कई वर्षों तक मेहनत करता है, लेकिन उसके बाद भी उसे टिकट नहीं मिलना, फिर क्या मायने रखता है?
जवाब: ये बात सही है कि संगठन में वर्षों तक काम करने के बाद कार्यकर्ताओं की आगे बढ़ने को लेकर कई तरह की महत्वाकांक्षाएं होती हैं। लेकिन हर कार्यकर्ता को संगठन के प्रति कर्मठ और निष्ठावान होना भी ज़रूरी है। सिर्फ चुनाव लड़ने की मंशा से संगठन में काम करने के इरादे से कोई आए तो वो सही नहीं है।