जयपुर। राजस्थान में 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से पहले प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की नई टीम को लेकर सियासी हलकों में चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। सूत्रों की मानें तो राठौड़ नए सिरे से अपनी टीम तैयार कर रहे हैं। बताया जा रहा है राठौड़ ने दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से मिलकर इसकी अनुमति भी ले ली है। माना जा रहा है कि नई टीम में वसुंधरा राजे के समर्थकों को कार्यकारिणी में जगह मिल सकती है। बता दें लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को हटाकर मदन राठौड़ को कमान सौंपी गई थी।दरअसल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ संगठन के बदलाव के मामले में दो दिन के लिए दिल्ली दौरे पर है। उन्होंने इस दौरान बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष से भी मुलाकात की है। इस मुलाकात को सियासी जानकार संगठन में बदलाव से जोड़कर देख रहे हैं। बताया जा रहा है कि दिल्ली में संगठन में बदलाव और उपचुनाव को लेकर विस्तार से चर्चा हुई है। इसके बाद अब मदन राठौड़ दिल्ली से वापस आने के बाद संगठन के बदलाव की घोषणा कर सकते हैं।
टीम से इन नेताओं की हो सकती है छुट्टी
बताया जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की नई टीम में कई मौजूदा नेताओं की छुट्टी होने जा रही है। प्रदेश उपाध्यक्ष चुन्नीलाल गरासिया, सीआर चौधरी, मोतीलाल मीणा और दामोदर अग्रवाल और ओमप्रकाश भड़ाना बाहर हो सकते हैं। क्योंकि सीआर चौधरी को किसान आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है, चुन्नीलाल गरासिया को पार्टी ने राज्यसभा भेजा है। वहीं दामोदर अग्रवाल भीलवाड़ा से सांसद बन गए हैं, ओमप्रकाश भड़ाना को देवनारायण बोर्ड का अध्यक्ष बनाया जा चुका है। ऐसे में इन दोनों नेताओं की जगह नए चेहरों को मौका मिलने की उम्मीद है।
इनको बनाया जा सकता है उपाध्यक्ष
बताया जा रहा कि संगठन में बदलाव करते हुए नए चेहरों को भी जोड़ा जा सकता है। जबकि कुछ बड़े चेहरे रिपीट करने का प्लान तैयार हो रहा है, जिसमें ज्योति मिर्धा और बाबा बालकनाथ योगी का नाम भी शामिल है। ऐसा माना जा रहा है कि राजस्थान बीजेपी में 13 प्रदेश मंत्रियों में से 5 से 6 ही प्रदेश मंत्री रह सकते हैं। इन नेताओं में प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण पंचारिया, बाबा बालकनाथ, मुकेश दाधीच, सरदार अजयपाल सिंह, प्रभुलाल सैनी, ज्योति मिर्धा और नाहर सिंह जोधा शामिल हैं। वहीं मौजूदा प्रदेश महामंत्री में श्रवण सिंह बगड़ी और जितेंद्र गोठवाल को भी उपाध्यक्ष बनाया जा सकता है।
जिला अध्यक्षों को भी बदला जा सकता है
इसके साथ कुछ मोर्चा और जिला अध्यक्षों के कामकाज को लेकर लगातार मिल रही शिकायतों के बाद उनमें भी बदलाव किया जा सकता है। मदन राठौड़ की कोशिश होगी कि उपचुनाव से पहले संगठनात्मक कुछ बदलाव करके जातीय और क्षेत्रिय समीकरण को संतुलित किया जाए।
उपचुनाव वाली सीटों की बना रहे हैं रणनीति
पार्टी सूत्रों की माने तो जिस तरह से पिछले दिनों प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल और सह प्रभारी विजया रहाटकर के साथ मदन राठौड़ ने उन विधानसभा सीटों का दौरा किया जहां पर उपचुनाव होने हैं। वहां की ग्राउंड रिपोर्ट को लेकर राठौड़ ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से भी चर्चा की है।मालूम हो कि प्रदेश में जिन 6 सीटों पर उपचुनाव हैं उन सीटों में से एक सीट सलूंबर छोडकर सभी सीटों पर बीजेपी की पहले हार हुई है। ऐसे में मदन राठौड़ किसी तरह का कसर नहीं छोडऩा चाहते हैं। बीजेपी संगठन बदलाव के साथ जहां सीटों पर क्षेत्रीय समीकरण साधा जा सकता है। साथ ही जातीय समीकरण का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।