







तहलका न्यूज,बीकानेर।आरएसवी हायर सेकेंडरी स्कूल में आज शिक्षको हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया, इसमे शिक्षा जगत की हस्ती प्रोफेसर डॉ.मनोज दीक्षित को मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया। महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय एवं राजूवास बीकानेर के कुलपति ने आरएसवी ग्रुप ऑफ स्कूल्स के शिक्षको से अपने अनुभवों को साझा किया।कार्यक्रम की शुरुआत में विद्यालय के डॉक्टर पुनीत चोपड़ा ने मंचीय परिचय में प्रो.दीक्षित की चार दशकों से अधिक की शैक्षणिक व प्रशासनिक सेवाओं का उल्लेख किया। आपके देश-विदेश के कई विश्वविद्यालयों में अध्यापन, शोध और नीति-निर्धारण में योगदान का परिचय दिया। शिक्षा के क्षेत्र में आपके अतुलनीय योगदान हेतु कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से आपको सम्मानित किया जा चुका है।प्रो.दीक्षित ने अपने उद्बोधन में कहा कि कुछ नया सोचना ही शिक्षा है। भारतीय पारंपरिक शिक्षा पद्धति और आधुनिक ज्ञान का सुंदर समन्वय आज भारत में नवीन आयाम स्थापित कर रहा है। नवीन शिक्षा नीति पर अपने विचार प्रकट करते हुए अपने प्रेरणादायक संबोधन में आपने कहा कि शिक्षक की शक्ति बालमन पर अपनी अमिट छाप छोड़ने में सक्षम होती है। एक शिक्षक किस प्रकार से विद्यार्थियों के जीवन में गहरा और सकारात्मक प्रभाव डाल कर उसे प्रोत्साहित कर सकता है। प्राचीन काल से ही भारत के विद्वान और विदुषी शिक्षा के क्षेत्र में अपना अलग ही स्थान रखते हैं।इस कार्यशाला में आरएसवी ग्रुप ऑफ स्कूल्स के शिक्षकगण, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को प्रेरित करना और उन्हें नवाचार एवं मूल्यों पर आधारित शिक्षा की दिशा में अग्रसर करना रहा।कार्यक्रम के अंत में ग्रुप के सीईओ आदित्य स्वामी एवं प्रधानाचार्य नीरज श्रीवास्तव ने स्मृति चिन्ह भेंट किया। स्वामी ने आभार व्यक्त करते हुए आशा व्यक्त की गई कि इस प्रकार के प्रेरणादायक सत्र शिक्षकों में नवीन ऊर्जा का संचार करेंगे एवं उन्हें विद्यार्थियों के प्रति समर्पण भाव से कार्य करने के लिए प्रेरित करेंगे।