


तहलका न्यूज,बीकानेर। डॉक्टर को भगवान का रूप मानते है। यही चिकित्सक अगर ऐसा कुछ ऐसा काम कर जाएं जो आने वाली पीढ़ी के लिये एक मिसाल कायम करें तो यह युक्ति सार्थक सिद्ध हो जाती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया डॉ कृष्णावीर चौधरी ने। न्यूरो स्पाईन सर्जन के रूप में ख्यातनाम डॉ चौधरी ने अपने पेशे में पैसे की अहमियता को दरकिनार करते हुए एक गरीब को ठीक नहीं होने तक नि:शुल्क इलाज क रने की घोषणा कर यथा नाम तथा गुण को सार्थक कर दिया है। पता चला है कि डॉ कृष्णावीर के पास सादुलगंज निवासी एक विधवा महिला अपने 28 वर्षीय बेटे हरिप्रसाद के जीवन की आस लेकर गई। 6 माह से कोम में चल रहे हरिप्रसाद के पीबीएम में पांच ऑपरेशन हो चुके है। लेकिन फिर भी वह ठीक नहीं हुआ। तब किसी ने उसे डॉ कृष्णावीर चौधरी के पास इलाज करवाने की सलाह दी। थकी हारी मां के पास अब एक ही आस डॉ चौधरी के रूप में थी जो उसके बेटे को नवजीवन दे सकती है। वह डॉ कृष्णावीर के पास पहुंची और आप बीती सुनाई।डॉ चौधरी ने इलाज पर 50000 रूपये खर्च होने की बात कही। तो विधवा के पैरों तले जमीन खिसक गई। परन्तु वह हारी नहीं और बेटे को ठीक करवाने के लिये उसने इलाज की हामी भर ली। फिर वह पूर्व पार्षद मनोज विश्नोई के पास पहुंची। विश्नोई ने डॉ चौधरी से बात कर कुछ रूपये कम करने का कहते हुए बताया कि विधवा के यह एक मात्र घर चलाने वाला था। उसके पास इतने रूपये नहीं है कि वह अपने बेटे के दिमाग की सर्जरी आपसे करवा सके। विश्नोई ने कुछ रूपये कम करने का आग्रह करते हुए सहयोग की अपील की। इस पर डॉ चौधरी ने मानवीयता का परिचय देते हुए विश्नोई को कहा कि पार्षद साहब यदि ऐसा है तो मैं इसके इलाज का एक रूपया नहीं लूंगा और जब तक यह खड़ा नहीं हो जाता तब तक इसका इलाज करूंगा। यह सुन हरिप्रसाद की मां के आंखों से आंसू आ गये। डॉ चौधरी की इस मानवीय वेदना की आज सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है।

