





तहलका न्यूज,बीकानेर। बीकानेर से गुमनाम होकर दूसरी जिंदगी जीने वाले हिस्ट्रीशीटर आखिरकार 5 साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा गया। जिसे पुलिस की टीम ने अहमदाबाद से दस्तयाब किया है। 25000 हजार का इनामी पांचू थाने के इस हिस्ट्रीशीटर उत्तम गिरी ने अपना नाम बदलकर मनोज नाम से अपनी पहचान बना ली थी व अहमदाबाद के आईडी प्रुफ भी बना लिए। पकड़े गये आरोपी के खिलाफ अलग अलग थानों में दर्ज मामलों में न्यायालय की ओर से 9 स्थाई वारंट जारी हो रखे है। जानकारी मिली है कि उत्तम वर्ष 2020 से गायब चल रहा है। और अहमदाबाद में अपनी मां,पत्नी के साथ किराए के मकान में रह रहा है। इस अवधि के दौरान आरोपी ने अहमदाबाद में मिठाई की दुकान,हॉस्पिटल और कॉस्मेटिक की दुकानों में काम किया।
बीकानेर से खत्म कर लिया था वास्ता
पुलिस के अनुसार आरोपी अपने परिवार के साथ अहमदाबाद में बस गया और बीकानेर से अपना वास्ता खत्म कर लिया। परिवार या रिश्तेदारी में मौत या सगुन के किसी भी आयोजन में हिस्सा नहीं लेता था। ताकि पुलिस से बच सके। हालांकि पुलिस के पास इसे पकडऩे के लिये ज्यादा क्लू नहीं थे। फिर भी पुलिस की टीम ने प्रयास जारी रखे और अन्तत:उसे गिरफ्तार कर ही लिया।
इस टीम को मिली सफलता
सम्पूर्ण कार्यवाही में पुलिस अधीक्षक शहर सौरभ तिवाड़ी के निर्देशन में थानाधिकारी नोखा अरविंद भरद्वाज,थानाधिकारी कोटगेट विश्वजीत सिंह,एएसआई दीपक यादव,हैड कानि तुलछीराम,कांस्टेबल श्रीराम,तेजपाल,संतोष शामिल आदि शामिल रहे। इसमें
साइबर सेल के एएसआई दीपक यादव की भूमिका अहम रही।