तहलका न्यूज,बीकानेर। तेलंगाना मतदान सम्पन्न होने के साथ ही अनेक टीवी चैनलों के एक्जिट पोल सामने आने लगे है। इनमें कई राजस्थान में कांग्रेस तो कई भाजपा की सरकार बनाते नजर आ रहे है। गुरूवार शाम जारी हुए एक्जिट पोल संभवतःएक्जेट पोल तो नहीं। किन्तु जनमत की रायशुमारी और सोशल मीडिया पर चल रही घमासान के परिणामों के आधार पर सभी अपनी अपनी संभावनाएं जता रहे है। बीकानेर तहलका न्यूज ने भी जिले के पत्रकार साथियों,आमजन व विशेषज्ञों से रायशुमारी की तो सामने आया कि जिले की सातों विधानसभा सीटों में 2018 के चुनावों के परिणामों में ज्यादा बदलाव नजर नहीं आ रहा है। पिछले चुनाव में कांग्रेस-भाजपा को तीन-तीन सीटें मिली थी तो वहीं एक सीट पर माकपा ने अपना कब्जा जमाया था। ठीक वैसे ही 2023 के चुनाव में भी रूझान कुछ इसी तरह के नजर आ रहे है। ये बात अलग है कि पिछली बार की सीटों पर जीती पार्टियांे के परिणाम बदल जाएं। राजनीतिक जानकारों की माने तो बीकानेर पूर्व,कोलायत व खाजूवाला में भाजपा जीत सकती है। तो बीकानेर पश्चिम,नोखा व लूणकरणसर में कांग्रेस अपना परचम फहरा सकती है। वहीं श्रीडूंगरगढ़ में एक बार फिर माकपा अपनी सीट बचाने में कामयाब हो सकती है।
राजस्थान में कांटे की टक्कर,निर्दलियों की वैशाखी से बनेगी सरकार
अगर राजस्थान की बात करें तो राजस्थान में इस बार दोनों ही प्रमुख दलों को अपने बागियों या निर्दलियों की जरूरत पड़ेगी और सरकार निर्माण में इनकी अहम भूमिका रह सकती है। विशेषज्ञों की माने तो इस बार पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा निर्दलिय चुनाव जीतकर सरकार गठन में अपना अहम रोल निभाएंगे। पिछल बार जहां 13 निर्दलिय जीते थे। वहीं इस दफा यह संख्या बढ़कर 20 जा सकती है। ऐसे में दोनों ही राजनीतिक दल का आंकड़ा 100 के भीतर रह सकता है।
संभाग में भाजपा का पलड़ा रह सकता है भारी
अगर बात बीकानेर संभाग की करें तो इस बार के परिणाम भाजपा के लिये राहत भरे हो सकते है। पिछले चुनाव में संभाग से भाजपा को आठ सीटें मिली थी। ऐसे में इस बार यह आंकड़ा बढ़ सकता है। वहीं कांग्रेस 14 से नीचे आ सकती है। कांग्रेस जहां बीकानेर में अपने प्रदर्शन को बचाने में कामयाब रहेगी तो चुरू में उसे फायदा होता नजर आ रहा है। हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर में कांग्रेस को कुछ नुकसान उठाना पड़ सकता है।