तहलका न्यूज,बीकानेर। इस बार पर्व त्योहारों की तिथियों में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। इसके चलते देवशयनी एकादशी 17 जुलाई से चातुर्मास की शुरुआत होगी और समापन 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी के दिन होगा। इस बार चातुर्मास पूरे 118 दिनों तक रहेंगे। पिछले साल चातुर्मास 148 दिनों के थे। पंडित सूरजरतन व्यास ने बताया कि पिछले साल अधिक मास होने से दो श्रावण मास भी आए थे। इस कारण चातुर्मास चार माह की बजाय पांच माह तक चले थे। चातुर्मास के बाद आने वाले त्योहार भी पिछले साल के मुकाबले इस बार 11 से 12 दिन पहले आएंगे। प व्यास ने बताया कि ये दुर्लभ संयोग करीब 31 साल बाद देखने को मिल रहे हैं।

13 दिन का ही होगा आषाढ़ कृष्ण पक्ष
विक्रम संवत 2081 में आषाढ़ कृष्ण पक्ष 13 दिनों का होगा। सामान्य रूप से प्रत्येक माह में दो पक्ष होते हैं। प्रत्येक पक्ष में 15 अथवा 14 तिथियों का मान रहता है,परंतु कभी देव योगवश तिथि गणित क्रिया द्वारा दो तिथियों का क्षय वश 13 रह जाती है। ऐसा इस वर्ष सूर्य और चंद्र की गति के कारण संयोग बन रहा है। इसी तरह जून के आखिरी सप्ताह में तिथियों के क्षय होने से आषाढ़ कृष्ण पक्ष 15 की बजाय 13 ही दिन का रहेगा। 23 जून से पांच जुलाई के बीच दो तिथियां क्षय होने से यह स्थिति बनेगी। दरअसल आषाढ़ कृष्ण प्रतिपदा और आषाढ़ कृष्ण चतुर्दशी तिथि का क्षय होगा। जब-जब ऐसा संयोग आता है देश-दुनिया में आपदा या अप्रत्याशित घटनाओं के होने की आशंका रहती है। लगभग 31 साल पहले वर्ष 1993 में भी आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में भी ऐसी स्थिति बनी थी। तब 13 दिन का शुक्ल पक्ष था।

26 अगस्त को मनाई जाएगी जन्माष्टमी
व्यास के अनुसार इस बार कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त को मनाई जाएगी जो पिछले साल सात सितंबर को थी। हरतालिका तीज व्रत 6 सितंबर को होगा जो पिछले साल 18 सितंबर को था। यानी 12 दिन पहले इस बार तीज मनाई जाएगी। इसी प्रकार सभी त्योहारों में 10 से 12 दिन पहले आने का अंतर रहेगा। जलझूलनी एकादशी 14 सितंबर को मनाई जाएगी, जो पिछले साल 25 सितंबर को थी। अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर को मनाई जाएगी, जो पिछले साल 28 सितंबर को थी। पितृ पक्ष की शुरुआत 18 सितंबर से होगी, पिछले साल 30 सितंबर से हुई थी। नवरात्र तीन अक्टूबर और दशहरा 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दिवाली पिछले साल 12 नवंबर को आई थी। इस बार जल्दी आएगी।