तहलका न्यूज,बीकानेर। सूर्या कॉलेज ऑफ स्पेशल एजुकेशन में आज से तीन दिवसीय “सतत पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रम” की शुरुआत हुई। यह विशेष कार्यक्रम 30 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक आयोजित किया जा रहा है,जिसका मुख्य उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जागरूकता फैलाना है।कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ.हरफूल बिश्नोई तथा डॉ.अच्युत त्रिवेदी की गरिमामयी उपस्थिति में दीप प्रज्वलन द्वारा हुआ।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज के समय में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज को गंभीर प्रयास करने की आवश्यकता है।कार्यक्रम में संसाधन व्यक्तियों के रूप में अमित कुमार सिंह,डॉ.पवन कुमार,ज्योति शेखावत और अनुराधा पारीक ने सतत पुनर्वास शिक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के विभिन्न आयामों पर विस्तार से प्रकाश डाला।उन्होंने बताया कि पुनर्वास शिक्षा केवल विशेष आवश्यकता वाले बच्चों तक ही सीमित नहीं है,बल्कि यह सामान्य बच्चों और शिक्षकों के मानसिक संतुलन और सकारात्मक सोच के लिए भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।कार्यक्रम के समन्वयक रजत सहारण ने उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को शिक्षा की मुख्य धारा में जोड़ना समय की मांग है।यदि शिक्षक स्वयं स्वस्थ मानसिक दृष्टिकोण अपनाते हैं,तो वे विद्यार्थियों को भी बेहतर जीवन कौशल और आत्मविश्वास प्रदान कर सकते हैं।कार्यक्रम का मूल मंत्र “मानसिक स्वास्थ्य का महत्व ” रखा गया है।तीन दिनों तक चलने वाले इस विशेष आयोजन में विभिन्न सत्रों और कार्यशालाओं के माध्यम से शिक्षकों और छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास शिक्षा के व्यवहारिक पहलुओं से अवगत कराया जाएगा।