तहलका न्यूज,बीकानेर।आर्ष न्यास एवं पर्यावरण पोषण यज्ञ समिति के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित राम कथा एवं प्रवचन के संदर्भ में जानकारी प्रदान करते हुए ओमप्रकाश मोदी ने बताया कि आज तृतीय दिन स्वामी रामदेव के गुरु आचार्य प्रद्युम्न जी ने उपस्थित दर्शकों के समक्ष अपने प्रवचन में बताया कि भागवत गीता हमें आत्मा का बोध करवाती है। स्वयं को जानना ही परमात्मा को जानना है। किसी भी कार्य को समर्पण के भाव से करें। हम अपनी रुचि के कार्य को करते चले जाएं,निस्वार्थ भाव से किए गए कार्य का परिणाम सदैव सकारात्मक होता है। जिस प्रकार मां के गर्भ में भ्रूण सुरक्षित रहता है इस प्रकार हमें भी अपने आप को परमपिता परमेश्वर को सौंप देना चाहिए निश्चित रूप से वही हमें सभी परिस्थितियों में सन्मार्ग दिखाएंगे। एक्सपर्ट टॉक में प्रोफेसर डॉ ऐ के गहलोत ने जीवन में विज्ञान के महत्व को स्पष्ट किया। आज के आधुनिक युग में किस प्रकार से अनेक जीवों के द्वारा जनित विभिन्न रोग मानव जाति को प्रभावित कर रहे हैं इसका मुख्य कारण मनुष्य द्वारा जंगली जीवो के आवास का अतिक्रमण है। ऊर्जा संरक्षण,जल संरक्षण,ग्लोबल वार्मिंग पर भी आपने अपने विचारों से उपस्थित दर्शकों को अवगत कराया।संगीतमय रामकथा का आनंद प्रदान करते हुए आचार्य कुलदीप ने कहा कि 5 वर्ष तक के बालक बालिका की शिक्षा का दायित्व माता का होता है। माता ही उसे सुसंस्कार प्रदान करती है। 6 से 10 वर्ष के बालक बालिका को बाहर की दुनिया से परिचित करवाना एवं उसके समक्ष आदर्श स्थापित करने का दायित्व पिता का होता है। तीसरा गुरु अध्यापक होता है जो उसे व्यवहारिक शिक्षा प्रदान करता है। उपस्थित दर्शकों ने भजनों का भी आनंद लिया।