





तहलका न्यूज,बीकानेर। एक ओर खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिये सरकार दम भर रही है। वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग की मनमर्जी के चलते खिलाडिय़ों का भविष्य खराब किया जा रहा है। जिसके चलते जिले में स्कूली खेलकूद प्रतियोगिताओं पर ही सवालिया निशान उठने लगे है। जिसका जीता जागता उदाहरण अंडर-17 क्रिकेट प्रतियोगिता है। जिसका आयोजन 23 सितम्बर से होना तय था। लेकिन प्रतियोगिता एक दिन पहले ही शुरू कर दी गई। मजे की बात तो यह है कि प्रतियोगिता में शामिल होने वाली स्कूली टीमों को इसकी जानकारी तक नहीं है। जब खिलाडिय़ों और उनके अभिभावकों ने जिला शिक्षा अधिकारी खेलकूद से संपर्क साधा तो उन्होंने साफ पल्ला झाड़ दिया। मजे की बात तो यह है कि शहर की नामचीन स्कूल एम एम इंग्लिश मीडियम स्कूल के प्रिसिंपल बजरंग स्वामी की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी को लिखे पत्र में इसका हवाला देते हुए स्पष्ट किया है कि 22 सितम्बर को प्रतियोगिता शुरू करने के संशोधन आदेश उन्हें प्राप्त हुए ही नहीं। इतना ही नहीं इसी स्कूल के हिन्दी मीडियम स्कूल की टीम प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही है। प्रिसिंपल स्वामी दोनों ही स्कूलों के अलग अलग सिस्टम होने की बात कह रहे है।
अभिभावकों ने जताई नाराजगी
एम एम स्कूल की टीम में शामिल खिलाडिय़ों के अभिभावकों ने शिक्षा विभाग के इस रवैये पर रोष जताया। अभिभावक अनिल बिस्सा का क हना था कि टीम के खिलाड़ी पिछले चार माह से अपना अध्ययन,पारिवारिक कार्यक्रम छोड़ केवल अभ्यास में लगे थे। आज उनकी टीम जब आयोजन स्थल पर पहुंची तो पता चला कि प्रतियोगिता एक दिन पहले ही शुरू हो गई। जब उन्होंने इसकी जानकारी स्कूल प्रिसिंपल व पीटीआई को दी तो उन्होनें किसी प्रकार के संशोधन आदेश से अनभिज्ञता जताई। उन्होंने बताया कि इसी स्कूल की हिन्दी माध्यम की टीम तो खेलने चली गई और इंग्लिश मीडियम की स्कूल को वंचित रखा गया है।
मेरे पास तो केवल कार्यभार:पीटीआई
पीटीआई कैलाश विश्नोई ने बताया कि उनके पास स्थाई पीटीआई का चार्ज नहीं है। 21 सितम्बर तक वे चतुर्थ श्रेणी भर्ती परीक्षा में ड्यूटी दे रहे थे। ऐसे मे 23 को प्रतियोगिता होनी थी। जिसकी फाइल मेरे द्वारा आज जमा करवाई जानी थी। लेकिन संशोधन आदेश मुझे किसी माध्यम से नहीं मिल पाया। ऐसे में प्रतियोगिता आयोजक स्कूल ने बताया कि प्रतियोगिता 22 को ही शुरू कर दी गई है। ऐसे में आपकी स्कूल को टाई से वंचित कर दिया गया है।
खिलाडिय़ों-अभिभावकों का प्रदर्शन
प्रतियोगिता से आउट करने पर खिलाडिय़ों और अभिभावकों की ओर से स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया गया। उनका रोष है कि शिक्षा विभाग की मनमानी के चलते बच्चों का भविष्य अंधकार में आ गया है। प्रदर्शनकारियों ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचकर भी रोष जताया और न्याय न मिलने तक संघर्ष की बात कही।