तहलका न्यूज,बीकानेर। शहर में आए दिन हो रहे सड़क हादसों पर अंकुश लगाने,अपराधियों की धरपकड़ और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर लगाम कसने के उद्देश्य से शहर की सड़कों पर पुलिस की ओर से हाई रिजोल्यूशन कैमरे, सिग्नल आदि जिम्मेदारों द्वारा करोड़ों रूपए खर्च कर लगवाए है इसके बावजूद आज भी जिले की सड़कों पर बगैर नंबर के पानी के टैंकर अनियंत्रित गति से दौड़ रहे हैं, लेकिन इन टैंकरों पर न तो सड़कों पर लगे कैमरे कार्रवाई कर पा रहे और न ही पुलिसकर्मी। शहर में करीब 8 लाख से अधिक आबादी निवासरत है, कहने को तो संभाग मुख्यालय का दर्जा प्राप्त है, लेकिन वर्षों से यहां लोगों को सड़क,पानी की समस्या से जुझते देखा जा रहा है। यहां नहरबंदी के दौरान जनता पानी के लिए निजी टैंकरों पर निर्भर है। ऐसे में टैंकरों से जलापूर्ति करने वाले संचालकों द्वारा धडल्ले से कंडम और बगैर नंबर के टैंकरों का परिवहन घर-घर पानी पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। ऐसे एक नहीं सैकड़ों टैंकर बीकानेर की सड़कों पर घूम रहे हैं जो सरकारी दरों से ज्यादा कीमत वसूल रहे हैं। वो भी तब जब ना तो टैंकरों का जलदाय विभाग में कोई रजिस्ट्रेशन है और ना ही उन पर ड्राइवर-मालिक के दूरभाष नंबर लिखे हैं।
भले ही जलदाय और परिवहन विभाग ने टैंकरों पर नकेल कसने के लिए कुछ दिन पहले दरें निर्धारित कर दी हों बावजूद इसके शहर में अभी भी टैंकर चालक ऊंचे दामों पर पानी दे रहे हैं। क्योंकि ऐसी हरकतें करने वाले टैंकरों पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। इससे टैंकर चालकों में किसी बात का डर नहीं है।

नियमों को ताक पर रखकर, सड़क पर दौड़ रहे टैंकर
नियम अनुसार प्रत्येक निजी टैंकर संचालक को ट्रैक्टर और टैंकर का अलग-अलग बीमा करवाना अनिवार्य है,लेकिन शहर में जिम्मेदारों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर बगैर बीमा और रजिस्ट्रेशन नंबर के सड़कों पर अंधी रफ्तार से टैंकरों का परिवहन किया जा रहा है, जिससे किसी दिन भी कोई जनहानी हो सकती है।

अनेक स्थानों पर अवैध जल भराई का काम
हालात यह है कि पिछले साल जलदाय मंत्री रहते डॉ बी डी कल्ला ने करीब 20 से ज्यादा नये ट्यूबवैल शुरू किये थे। इनमें से आज दिनांक तक आधे से ज्यादा पर जलापूर्ति सप्लाई का काम बंद सा है। बीकानेर तहलका की टीम ने जब शहर के इन ट्यूबवैलों का जायजा लिया तो रंगालाई महादेव मंदिर,बड़े कब्रिस्तान,चेतालाई,बेसिक स्कूल के पास,बेनीसर बारी,धरणीधर,सेटेलाईट आदि इलाकों में बने नये ट्यूबवैलों से इन दिनों सरकारी टैंकरों से जलापूर्ति का काम लगभग बंद सा है। वहीं निजी ट्यूबवैलों से टैकरों के जरिये धडल्ले से मंहगे दामों पर टैंकरों से सप्लाई की जा रही है। हालात यह है कि मॉनिटरिंग के अभाव में टैंकरों से जलापूर्ति का गौरवधंधा परवान पर है। आमजन को लूटा जा रहा है। जलदाय विभाग के अधिकारी न तो जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों का फोन उठा रहे है और न ही आमजन का।

प्रशासन के दावे फेल
मंजर यह है कि नहरबंदी को लेकर जिला प्रशासन ने एसी कमरों में बैठकर खूब दावें किये। टैकरों से जलापूर्ति की दरें भी निर्धारित की। किन्तु शिकायतों के बाद इस वर्ष कार्रवाई एक भी नहीं की। जबकि पिछले साल जिले के जलदाय मंत्री होने के कारण नियमित रूप से मॉनिटरिंग के साथ साथ अवैध रूप से टैकरों से सप्लाई करने वालों तथा अधिक राशि वसूल करने वालों पर कार्रवाई की गई थी।

क्या कहती है जनता
बिना हेलमेट अगर सड़क पर वाहन चलाते है तो पुलिस ऑनलाइन व ऑफलाइन चालान काट देती है। किसी प्रकार से किसी का कोई तर्क तक नहीं सुनती। जबकि शहर में धड़ल्ले से सैकड़ों की संख्या में बिना नंबर के पानी के टैंकर,ट्रॉलियां व टैक्टर दौड़ रहे है। उस पर न तो ट्रैफिक पुलिस का और न ही जिला प्रशासन का ध्यान जा रहा है।
अभिनव मेहरा,नागरिक