तहलका न्यूज,बीकानेर। शहर में विकास कार्यों के लाख दावे किये जाते रहे हो। चाहे मंत्री करे या प्रशासन। सभी अपनी अपनी वाही वाही लूटने में लगे है। किन्तु शहर के विकास के लिये लगाएं गये विकास कार्यों की निविदाओं में कितने प्रतिशत काम हुआ है। इसमें कितनी गुणवत्ता से हुआ है। क्या निविदा में दिए गये कार्य समय पर पूरे हुए है या नहीं। इसकी मॉनिटरिंग एसी कमरों में बैठकर ही की जाती रही है। धरातल पर इसका कोई तकमीना नहीं है। मजे की बात तो यह है कि जिला प्रशासन के अधिकारियों की ओर से ली जाने वाली समीक्षा बैठकों में जो अधिकारी अपने मुख्या को परोस देते है। वहीं मुख्या जी मान भी लेते है। इसकी जांच पड़ताल नहीं होती। जिसके कारण शहर में अनेक वार्डों में छ:माह पहले लगाएं गये विकास कार्य या तो शुरू नहीं हुए है। अगर हो भी गये है तो वे अभी तक पूरे नहीं हुए है। गंभीर विषय तो यह है कि इन कार्यों को करने वाले ठेकेदार तो अब पार्षदों को ही रूपयों का लालच देकर अपनी खाल बचाने में लगे हुए है ताकि पेलन्टी की मार न झेलनी पड़े। बीकानेर तहलका न्यूज के पास दो वार्डों की शिकायतें सामने आई तो संबंधित वार्डों में इसकी पड़ताल की और पार्षदों से पूछताछ की तो चौकाने वाली बात सामने आई। वार्ड 35 में नगर निगम की ओर से लगाएं गये टेण्डर का काम अब तक पूरा भी नहीं हुआ है। निर्माण कार्य करने की समय सीमा भी समाप्त हो गई है। पार्षद मनोज विश्नोई का कहना है कि उनके वार्ड 34 लाख का काम लगा। जिसमें से अभी दस प्रतिशत भी काम नहीं हो पाया है। कमोवेश यही स्थिति 32 में है। जहां 25 लाख का काम लगा। जिसमें भी काम नहीं होने से पार्षद अंजना खत्री नाराज है। हालात यह है कि वार्ड 32 में पूर्व में भी एक ठेकेदार बिना काम किये बीच में ठेका छोड़कर चला गया था।
निगम अभियंता से मिले पार्षद,दी आत्मदाह करने की चेतावनी
उधर वार्ड 35 के पार्षद मनोज विश्नोई व वार्ड 32 की पार्षद अंजना खत्री ने निगम के अभियंता ललित ओझा से मिले और उन्हें इसकी शिकायत की। दोनों ही पार्षदों ने कहा कि ठेकेदार घटिया निर्माण सामग्री लगाकर काम पूरा करने के लिये रूपयों का लालच देकर बकाया काम जल्द पूरा करने की बात कह रहे है। उन्होंने कहा कि अगर उनके वार्ड में गुणवता पूर्ण काम नहीं हुआ तो ऐसे फर्म को ब्लैक लिस्टेड करें। कांग्रेस सरकार में कांग्रेस के इन दोनों पार्षदों ने अभियंता को चेतावनी देते हुए कहा कि यह काम अगर आगामी सात दिनों में नहीं हुआ तो दोनों पार्षद निगम में आत्मदाह करेंगे। इस पर अभियंता ओझा ने उन्हें आश्वस्त किया है कि आगामी सात दिनों में इस पर गंभीरता दिखाते हुए निर्माण कार्य करवाया जाएगा।