तहलका न्यूज,बीकानेर।शारदीय नवरात्र की शुरुआत 22 सितम्बर से होगी। वर्ष 2016 के बाद इस बार नवरात्र 9 की बजाय 10 दिन के होंगे। तृतीया तिथि की वृद्धि से इस बार शक्ति की भक्ति एक दिन ज्यादा होगी। हस्त नक्षत्र में माता रानी इस बार हाथी पर सवार होकर आएंगी। नवरात्र में शहर के नागणेची,नत्थूसर गेट बाहर स्थित आशापुरा,गायत्री मंदिर सहित सभी शक्ति मंदिरों में पूजा अर्चना के विशेष कार्यक्रम होंगे और मेले भरेंगे। घर-घर घट स्थापना होगी। शक्ति स्थलों पर इसकी तैयारियां शुरू हो गई है। नवरात्र का समापन एक अक्टूबर को होगा। विजयादशमी का पर्व 2 अक्टूबर (गुरुवार) को मनाया जाएगा। शहर में अनेक जगहों रावण परिवार के पुतले का दहन किया जाएंगे।

शारदीय नवरात्र प्रमुख
नवरात्र केवल धार्मिक उत्सव नहीं,बल्कि सामुदायिक और सांस्कृतिक उत्सव भी है। दस दिन तक उपवास,पूजा,आरती,गरबा,रामलीला सहित अनेक कार्यक्रम होंगे। सनातन में शारदीय नवरात्र का विशेष महत्व है। यह पर्व मां दुर्गा और शक्ति की उपासना का प्रतीक माना जाता है। साल में चार बार नवरात्र आते हैं,जिनमें चैत्र और शारदीय नवरात्र को प्रमुख माना गया है।

प्रस्थान नाव पर होगा
पंडित सूरजकरण व्यास ने बताया कि इस साल देवी दुर्गा का आगमन हाथी की सवारी पर होगा। यह यह समृद्धि,संतुलन और शांति का संकेत है। प्रस्थान के समय वह नाव पर सवार होंगी,जो नए मार्ग और जनजीवन में उत्सव का प्रतीक है। ऐसे शुभ योग समाज में सकारात्मक बदलाव की संभावना को दर्शाते हैं। नवरात्र में प्रत्येक दिन का अपना महत्व है,जो जीवन में उद्धार,शक्ति,बुद्धि,आनंद और साधना की ओर ले जाता है। इस दौरान देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों शैलपुत्री,ब्रह्मचारिणी,चंद्रघंटा,कूष्मांडा,स्कंदमाता,कात्यायनी,कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री क ी पूजा की जाएगी। नौ दिनों की साधना के बाद दशमी को विजयादशमी का पर्व मनाया जाएगा। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

घटस्थापना का शुभ समय
नवरात्र पर घटस्थापना 22 सितंबर को सुबह 6:19 से 8:11बजे और मध्याह्न 11:56 से 12:44 बजे तक होगी।

शुभ का चौघडिय़ा दिन में 9:19 से 10:49 तक रहेगा।