तहलका न्यूज,बीकानेर।जीवन में भगवान मिल गए तो कुछ बाकी नहीं रहेगा। बिना आत्मज्ञान के सब कर्म निरर्थक हैं। ज्ञान प्राप्त करने के लिए हमें स्वाध्याय करना होगा। यह उद्गार संत श्रीसुखदेवजी महाराज ने गडिय़ाला स्थित नन्दनवन गौशाला में शुक्रवार को श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस की कथा के दौरान व्यक्त किए। श्रीसुखदेवजी महाराज ने भगवान वाराह का अवतार,सहित श्रीकृष्ण लीलाओं का वर्णन किया। सुखदेवजी महाराज ने कहा कि गौसेवा यानि साक्षात् 33 कोटि देवताओं की सेवा है। कथा यजमान मदनदान कीनिया ने व्यास पूजन किया तथा कथा में रतनदास,मोतीदास,पप्पुदास,सोहनदास,प्रहलाददास,काशीदास,मोड़दास,श्रवणदास नाल बड़ी,मदन सिंह हाडला ने आरती की। आयोजन से जुड़े घनश्याम रामावत ने बताया कि शुक्रवार को नन्दनवन गोशाला में मुख्यमंत्री मंगला पशुबीमा योजना का शिविर आयोजित किया गया। शिविर में कोलायत एसडीएम राजेश नायक कोलायत तहसीलदार पूनम कँवर,हाड़ला से मदनसिंह,युद्धवीर सिंह भाटी और किशनगढ़ से सुरेंद्र अग्रवाल,श्यामसुंदर सिंगल,शिव गोयल,हरीश वैष्णव तथा बलराम का आतिथ्य रहा। इस दौरान काकड़ा गोशाला से भी सदस्य मौजूद रहे।