तहलका न्यूज,बीकानेर। शहर के जेएनवीसी थाना इलाके में एक निजी अस्पताल में प्रसव के दौरान महिला की मौत के बाद हंगामा हो गया। जिसके चलते परिजनों ने अस्पताल के बाहर धरना दे दिया। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने समझाइश कर परिजनों को मनाने का प्रयास किया। किन्तु वे नहीं माने। जानकारी मिली है कि पवनपुरी स्थित अशोका हॉस्पिटल में प्रसव के दौरान एक महिला की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया। महिला की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मृतका भानीपुरा निवासी 22 वर्षीय हिना पत्नी अजय कुमार थी। जिसे प्रसव पीड़ा के बाद 25 जून को अशोका हॉस्पिटल में भर्ती करवाया था। 26 जून को महिला ने बच्चे को जन्म दिया था। उसके बाद अत्यधिक रक्तस्राव के चलते महिला की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि उन्होंने अस्पताल के डॉ क्टर्स को पीबीएम अस्पताल रेफर करने का बोला लेकिन डॉक्टर नहीं माने महिला की तबियत बिगड़ ती चली गई और उसने देर रात को दम तोड़ दिया। जिसके बाद गुस्साएं परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। इस दौरान जय नारायण व्यास कालोनी थाना प्रभारी महावीर प्रसाद,सीओ सदर शालिनी बजाज मौके पर पहुंचे। परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे। आखिर देर शाम सहमति बनी। सहमति बनने के बाद कल सुबह पोस्टमार्टम होगा।

एडीएम सिटी व भाजपा नेता भिड़े
बातचीत के दौरान एडीएम सिटी हरि सिंह मीणा ने परिजनों को धमका करके कहा कि आप शव उठा लीजिए और उसका पोस्टमार्टम कराइए नहीं तो हम जबरदस्ती बॉडी उठाकर के ले जाएंगे और आप पर मुकदमा कर देंगे। इस पर भाजपा नेता अशोक प्रजापत ने कहा कि आपको परिजनों के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार करने का अधिकार नहीं है। तो एडीएम ने कहा मैं एडीएम हूं और कुछ भी कर सकता हूं इस पर भाजपा नेता एडवोकेट श्याम सिंह हाडला और अशोक प्रजापत और मीणा के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। इस दौरान सीओ सिटी पवन भदौरिया,बीछवाल थानाधिकारी महेन्द्र दत्त शर्मा ने बीच बचाव किया। फिर भाजपा नेताओं ने एडीएम को बाहर को वार्ता से बाहर निकलने पर वार्ता आगे चलने की बात कही और एडीएम को वार्ता से बाहर निकाला तब जाकर परिजनों की सहमति बनी परिजनों की ओर से भाजपा नेताओं ने मांग रखी कि डॉक्टर्स की कमेटी बनाई जाए।

ये मांगे मानी
प्रशासनिक स्तर पर अधिकारियों की भी कमेटी बने,पोस्टमार्टम वीडियो ग्राफी के साथ हो आदि मांगे रखी। विवाहिता के परिजनों ने मुआवजा लेने के बजाय न्याय लेने की बात कही। जिसको प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने मान लिया। जिसके बाद परिजन शव का पोस्टमार्टम करवाने को राजी हुए।