तहलका न्यूज,बीकानेर। राजस्थान प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र गंगाशहर के तत्वावधान में कर्मयोगी मनीषी वैद्य महावीर प्रसाद शर्मा का जन्म शताब्दी वर्ष विभिन्न आयोजनों के साथ मनाया जाएगा। 20 जून से आरंभ हो रहे शताब्दी वर्ष की के पहले ही दिन चिकित्सा केंद्र गंगाशहर में राज्य सभा सांसद कोटे से निर्मित योग भवन का उद्घाटन होगा। पत्रकारों को जानकारी देते हुए मंत्री बनवारी शर्मा ने बताया कि समारोह की अध्यक्षता स्वामी विमर्श आनंद गिरी महाराज करेंगे। मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल होंगे। विशिष्ट अतिथि के रुप में राज्यसभा सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा और राजेंद्र गहलोत होंगे। स्वागत भाजपा जिलाध्यक्ष विजय कुमार आचार्य करेंगे। अध्यक्ष वेद प्रकाश चतुर्वेदी ने बताया 45 लाख की लागत से तैयार हुए इस भवन में झारखंड के राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने 25 लाख तथा राजस्थान से सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने दस लाख की राशि स्वीकृत की थी। राजस्थान प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र की स्थापना से अब तक के उल्लेखनीय कार्यों को रेखांकित करते हुए बताया कि यह राजस्थान का पहला प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र है जो 1951 में यहां स्थापित हुआ। यह केंद्र विशुद्ध रूप से सेवा भाव से कार्य करता है और किसी प्रकार की सरकारी सहायता पर निर्भर नहीं है। चिकित्सा अधिकारी डॉ वत्सला गुप्ता ने मिट्टी से प्राकृतिक चिकित्सक सहित इस केंद्र में उपलब्ध करवाई जा रही विभिन्न व्याधियों के निवारण के लिए उपलब्ध चिकित्सा सेवाओं के बारे में जानकारी दी। डॉ गुप्ता ने बताया कि विशेष रुप से बीपी और शुगर से पीडि़त लोगों को विशेष औषधि नाम मात्र लागत पर उपलब्ध कराई जाती है और इससे बड़ी संख्या में लोग लाभान्वित हुए हैं। प्रेसवार्ता में उपाध्यक्ष श्री भगवान अग्रवाल और चिकित्सा केंद्र के विधि परामर्श मंडल के एडवोकेट तेजकरण गहलोत मौजूद थे।
स्थानीय सांसद,मंत्रियों के सहयोग का इंतजार
मजे की बात यह है कि इस भवन के निर्माण में राज्यसभा से दो सांसदों महेश पोद्दार व डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने तो आर्थिक सहयोग प्रदान किया है। किन्तु जिले के सांसद,मंत्रियों व आयोगों के अध्यक्षों ने इसमें किसी प्रकार का आर्थिक सहयोग नहीं दिया है। हालांकि प्रबंधन इस बात को स्वीकार कर रहा है कि उन्होंने केन्द्रीय मंत्री व शिक्षा मंत्री से अनुरोध किया है और उनका सकारात्मक रूख भी है। ऐसी उम्मीद भी जताई जा रही है कि स्थानीय सांसद व केन्द्रीय मंत्री और शिक्षा मंत्री अपने कोटे से आर्थिक सहयोग कर करीब 40 लाख के बकाया कार्य को पूरा करवाने में सहयोग करेंगे।
वर्ष पर्यन्त होंगे आयोजन
शताब्दी वर्ष में पूरे एक साल तक अनेक प्रकार के आयोजन किये जाएंगे। जिसमें नि:शुल्क योग शिविरों के अलावा,चिकित्सा शिविर,धार्मिक,सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल है। वहीं जन जागरूकता व समाजसेवा से जुड़े आयोजन भी किये जाएंगे।