



तहलका न्यूज,बीकानेर।छतरगढ़ क्षेत्र में इस बार राजफेड की टोकन व्यवस्था पूरी तरह धराशायी हो गई। किसानों ने बताया कि वेबसाइट मात्र दो घंटे चली और फिर ठप हो गई। हजारों किसान ई-मित्र केंद्रों पर लाइन में खड़े रहे, पर अधिकांश खाली हाथ लौटने को मजबूर हुए।अब इस पूरे सिस्टम में भ्रष्टाचार की परतें खुलने लगी हैं।सूत्रों के अनुसार,कई ई-मित्र संचालकों ने प्रत्येक टोकन के 500 से 1000 रुपए तक वसूले, और उनमें से ज्यादातर टोकन व्यापारियों के नाम पर जारी किए गए। असली किसान बेबस होकर अपने खेतों पर लौट गए, जबकि अधिकारी फोन तक नहीं उठा रहे।किसानो ने मोर्चा संभालते हुए कहा –“राजफेड की मनमानी अब बर्दाश्त नहीं होगी। ई-मित्र और अधिकारियों की मिलीभगत से किसान लूटे जा रहे हैं। जल्द ही केंद्र पर जबरदस्त प्रदर्शन किया जाएगा।”लोगों ने सवाल उठाया है कि यह पूरा सिस्टम अब “रिश्वत फेड” बन चुका है, जहां तकनीकी खराबी के नाम पर भ्रष्टाचार को ढकने की कोशिश की जा रही है।किसानों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है और अब यह गुस्सा भजनलाल सरकार पर सीधा हमला बन गया है।किसान नेताओं का कहना है कि अगर तुरंत जांच कर दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो राजफेड केंद्रों का घेराव और बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू किया जाएगा।सरकार और प्रशासन की चुप्पी अब उनकी पोल खोल रही है, और किसान न्याय की मांग को लेकर एकजुट हो चुके है ।