तहलका न्यूज,बीकानेर। इस साल होने वाले चुनावों में सभी राजनीतिक पार्टियां जीत के जज्बे के साथ चुनावी समर में उतरने लगी है। जहां कांग्रेस ने छ:माह पहले ही रिपीट विजन के साथ राहत कैंपों के जरिये आमजन में अपनी पैठ बनाना शुरू कर दिया है तो भाजपा ने भी कांग्रेस सरकार की योजनाओं को चुनावी जुमला करार देते हुए जनता में अपनी खोई प्रतिष्ठा को पुर्नस्थापित करने के लिये एडी चोटी का जोर लगाना शुरू किया है। इसके लिये बीकानेर इन दिनों सभी पार्टियों की रणभूमि बनी हुई है। लगातार नेताओं के दौरे से लगता है मानों यहां की जनता ही सबसे ज्यादा भ्रमित होने वाली है और हर किसी के बहकावे में आकर मतदान करेगी। जिसके चलते विधायक बनने की चाह में नेताओं ने अब ऐसे ऐसे हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए है। जिसे पचा पाना भी मतदाताओं के लिये भारी पड़ रहा है। कोई वाइस कॉल के जरिये सर्वे करवाकर यह संदेश देना चाह रहे है कि वास्तव में पार्टी की ओर से कोई ऐसा सर्वे किया जा रहा है। तो कोई गडे मुर्दे उखाड़कर उनकी पार्टी द्वारा ही जनता की आवाज उठाने की बात करता नजर आ रहा है। यहीं नहीं कई नेता तो यह कहते नजर आ रहे है कि उनको शहरवासियों का लगाव बार बार यहां खींच लाता है। हालात यह है कि जिनका धरातलीय आधार ही नहीं वो अपने आप को बीकानेर का विधायक मान चला है।
वाइस कॉल सर्वे का माया जाल
इन दिनों बीकानेर में वॉयस कॉल सर्वे का माया जाल भी चर्चा का विषय बना हुआ है। अपने स्तर पर करवाएं जा रहे इस सर्वे में हालांकि ज्यादा रेस्पोंस के समाचार तो नहीं है। फिर भी टिकट की चाह रखने वालों के इस स्वभूं सर्वे ने पार्टी का मखौल जरूर बना दिया है। जब इस संदर्भ में तहलका संवाददाता ने इसकी जमीनी हकीकत का पता किया तो सामने आया कि भाजपा की ओर से इस प्रकार का कोई वॉयस कॉल सर्वे नहीं करवाया जा रहा है। इस बारे में पार्टी के नेताओं से बातचीत में भी यही सामने आया कि यह निजी स्तर पर किया जा रहा सर्वे है। पार्टी से इसका कोई लेना देना नहीं है।
शहर के लगाव की मोह माया
चार साल तक शहर की ओर कभी कभार रूख करने वाले एक नेताओं को इन दिनों शहर और शहरवासियों से भी ज्यादा लगाव हो चला है। वे बार बार शहर में आकर अपनी उपस्थिति इस तरह दर्ज करवा रहे है मानों उनके बिना यह शहर ही अधूरा है। जयपुर की रवानगी से लेकर बीकानेर से वापसी तक इस कदर दिखावे की चकाचौंध मानो बस आगामी विधायिकी इन्हीं की है।
पाटों पर चल रहे चटकारे
प्रमुख पार्टियों के बीकानेर दौरों व टिकट मांगने वालों की बढ़ती कतार को लेकर देर रात तक पाटों पर भी चर्चाओं का बाजार गर्म रहने लगा है। पाटों पर यह चर्चा आम हो चली है कि अब ही इन नेताओं को शहर की याद आने लगी है। इतना ही नहीं बीकानेर पूर्व से भाजपा और बीकानेर पश्चिम से कांग्रेस के वर्तमान विधायकों के टिकट काटने की वजह बताएं बिना ही टिकट के दावेदारों का विधानसभावासियों के प्रति मोह समझ नहीं आ रहा है। कोई जीमण के जरिये अपनी ताकत दिखा रहा है तो कोई अपनी पार्टी के लोगों को जुटाकर सम्मेलनों के जरिये।