मेड़ता। नगर पालिका की साधारण सभा में विवाद इतना बढ़ गया कि भाजपा-कांग्रेस के पार्षदों में लात-घूंसे चल गए। इस बीच बाहर से कुछ युवक भी पहुंच गए। एक युवक ने पालिका कर्मचारी से मारपीट की। मामला नागौर जिले के मेड़तासिटी का शुक्रवार सुबह 11 बजे का है।दरअसल, मेड़ता नगर पालिका में कांग्रेस का बोर्ड है। यहां शहर के विकास को लेकर साधारण सभा बुलाई गई थी।शहर के विकास कार्यों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा था। इसी दौरान भाजपा पार्षद विजयराज सांखला (वार्ड नंबर-7) ने सुनवाई नहीं होने का आरोप लगाया। वे इतना गुस्सा हो गए कि कुर्सी उठाकर बीच में फेंक दी। कुर्सी कांग्रेस पार्षदों के पास पहुंच गई।इस पर कांग्रेस पार्षद अमजद के के (वार्ड नंबर 3) गुस्सा हो गए। उन्होंने टेबल पर चढ़कर भाजपा पार्षद विजयराज के पेट पर लात मार दी। लात मारते ही विवाद इतना बढ़ा कि दोनों के बीच जमकर लात-घूंसे चले।

भाजपा पार्षदों ने की एक्शन की मांग
भाजपा पार्षद, कांग्रेसी पार्षद की ओर से की गई मारपीट का विरोध करते हुए वेल में बैठ गए। पार्षद पर कड़ी कार्रवाई की मांग पर अड़ गए।इस बीच पालिका ईओ रामरतन चौधरी और कर्मचारी वेल में बैठे पार्षदों से समझाइश करने पहुंचे।

बाहरी युवक ने की नारेबाजी-मारपीट
इस दौरान बाहरी युवक वेल तक पहुंच गए। वे नारेबाजी कर रहे थे। पार्षदों से समझाइश कर रहे पालिका कर्मियों ने बाहरी युवकों को वेल से बाहर जाने को कहा।एक युवक पालिका कर्मचारी से भिड़ गया। इसके बाद युवक और कर्मचारी के बीच लात-घूंसे शुरू हो गए।

पालिकाध्यक्ष बोले- घटना दुर्भाग्यपूर्ण
पालिका अध्यक्ष गौतम टाक ने बताया कि बीच-बचाव के दौरान आपस में धक्का-मुक्की हुई। पालिका की साधारण सभा में इस तरह की घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। विपक्ष की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विफल प्रयास किया गया। वहीं सभागार में बाहरी लोगों का पहुंचना और अव्यवस्था करना भी निंदनीय है।नेता प्रतिपक्ष पवन परतानी ने बताया कि हमने आज तक हुए विकास कार्यों की सूची और जानकारी चाही, लेकिन पालिका चेयरमैन ने जवाब देना ही उचित नहीं समझा। सत्ता पक्ष के पार्षद अमजद ने जो हरकत की है, हम उसकी निंदा करते हैं। मामले में देर शाम तक मेड़ता सिटी थाने में किसी तरह का मुकदमा दर्ज नहीं हुआ।मेड़ता पालिका क्षेत्र में कुल 40 वार्ड है। इसमें से 19 कांग्रेस, 14 भाजपा और 7 निर्दलीय पार्षद है। इनमें से 6 निर्दलीय पार्षदों ने कांग्रेस को समर्थन दिया था, जबकि एक निर्दलीय भाजपा समर्थित है।ऐसे में कुल मिलाकर विपक्ष के पास 15 और कांग्रेस बोर्ड के पास 25 पार्षदों का समर्थन है। बैठक में 4 से 5 कांग्रेस और कांग्रेस बोर्ड समर्थित निर्दलीय पार्षद भी विकास के कुछ मुद्दों को लेकर पालिकाध्यक्ष की खिलाफत करते दिखाई दिए।