जयनारायण बिस्सा
तहलका न्यूज,बीकानेर। छात्रसंघ चुनाव की सुगबुगाहट के साथ ही जिले की कॉलेजों में सरगर्मियां तेज हो गई है। विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में होने वाले छात्रसंघ चुनाव में अभी समय है लेकिन छात्रनेता अभी से ही वोटरों की मनुहार व वायदे दिखाकर अपनी दावेदारी दिखा रहे हैं।अलग-अलग पदों के लिए संभावित उम्मीदवार महाविद्यालयों में रैली निकालकर,हेल्प डेस्क बनाकर नव आगन्तुक विद्यार्थियों को अपने पक्ष में करने में जुट गए है। साथ ही कैंटीन,महाविद्यालय परिसर में मित्रों के साथ छात्रों से शिष्टाचार भेंट करने लग गए हैं। सभी राजनीतिक दलों से जुड़े छात्रसंघो के पूर्व पदाधिकारी और कॉलेज राजनीति में अपने हाथ अजमा चुके छात्रनेताओं के दौरे भी कॉलेजों व विवि में आने शुरू हो गए है। हालांकि न तो अभी तक छा़ संख्या का आंकड़ा सामने आया है और न ही अभी तक तिथियों का एलान हुआ है। उसके बाद भी संभावितों ने अपना प्रचार प्रसार शुरू कर दिया हैं और पेम्पलेट छपवाकर बांट रहे है और उनको वोट देने की अपील करते देखे जा रहे है। कुछ छात्र संगठनों ने उम्मीदवार होने के दावे पहले से ठोक दिए हैं तो कुछ अपने संभावित उम्मीदवार के नाम के साथ फोटो सहित पोस्टर व बैनर लगाने शुरू कर दिए हैं। वहीं कई संभावितों ने सोशल मीडिया को अपने प्रचार का माध्यम बनाया है। वे सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्मों के जरिये अपने पक्ष में माहौल बनाने में लगे है। हालात यह है कि अधिकांश विद्यार्थी इस समय कॉलेज चुनाव को लेकर ज्यादा उत्साही है।

ये अजमा रहे है अपना भाग्य,शुरू किया प्रचार
संभाग के सबसे बड़ी डूंगर कॉलेज में इस दफा प्रत्याशियों की भरमार है। अध्यक्ष पद के लिये गिरधारी लाल कूकणा,राकेश गोदारा,कन्हैयालाल जाखड़,अभय सिंह नाचणा,राजवीर सिंह कातर,पवन कुमार बिजारणियां अपना भाग्य अजमा रहे है। हालांकि ये नाम अभी तक फाइनल नहीं है,किन्तु कॉलेज परिसर व उसके बाहर इन लोगों ने अपने पोस्टर बैनर लगाने के साथ साथ नव आगन्तुक विद्यार्थियों के लिये हेल्प डेस्क भी बना रखी है। जो आने वाले विद्यार्थियों को प्रवेश से संबंधित हो रही परेशानी तथा अन्य समस्याओं की जानकारी दे रहे है। इतना ही नहीं इन संभावित उम्मीदवार अपने विजिटिंग कार्ड और पेम्पलेट भी बांट रहे है। वहीं कई संभावित प्रत्याशियों के समर्थक मोबाइल नंबर लेकर उनका वाट्सएप ग्रुप बनाकर नये विद्यार्थियों को जोड़ रहे है।

डूंगर कॉलेज में अब तक रहे ये अध्यक्ष
हालांकि 1993 में लंबे समय बाद छात्र संघ चुनाव शुरू हुए। इससे पहले हुए चुनावों में भी कई ऐसे छात्र नेता है। जिन्होंने प्रदेश की राजनीति में अपना दमखम दिखाया है। तहलका न्यूज टीम ने जुटाई जानकारी में 1993 के बाद भी हुए चुनावों में डूंगर महाविद्यालय में 21 अध्यक्ष निर्वाचित हुए है। 1993 में मनमोहन चौधरी अध्यक्ष बने। इसके बाद मामराज गोदारा,रामवतार सिंह चौधरी,लालचंद सारण,विजय गोदारा,सतपाल विश्नोई,मुकेश त्यागी,धर्मचंद चौधरी,शिवलाल गोदारा,महेश मूंड,भागीरथ मूंड,अमित चौधरी,मनीराम सारण,राजूराम जाट,विजय बेनीवाल,ज्योति चौधरी,मांगीलाल गोदारा,अशोक बुड़िया,रामनिवास बेनीवाल,कृष्ण कुमार गोदारा तथा हरिरराम गोदारा अब तक अध्यक्ष का दायित्व संभाल चुके है। इनमें कृष्ण कुमार गोदारा कोरोना के चलते चुनाव नहीं होने के कारण दो साल तक अध्यक्ष रहे। वहीं ज्योति चौधरी अब तक के इतिहास में एक मात्र छात्रा अध्यक्ष रही है।

कई छात्र नेता अभी भी राजनीति में सक्रिय
छात्र राजनीति के बाद भी कई राजनेताओं का सफर खत्म नहीं हुआ। वे अनवरत अनेक पार्टियांे के माध्यम से आज भी राजनीति में अपना परचम फहरा रहे है। जहां शिवलाल गोदारा,रामनिवास,धर्मचंद चौधरी,ज्योति चौधरी कांग्रेस के अनेक पदों पर दायित्व निभा रहे है। तो विजयपाल बेनीवाल रालोपा तो मांगीलाल गोदारा,महेश मूंड भाजपा में पार्टी पदाधिकारी के रूप में काम कर रहे है। उधर लालचंद सारण,मुकेश त्यागी सरकारी सेवा में जा चुके है। विजय गोदारा,धर्मचंद चौधरी सरपंच भी रह चुके है। जबकि विजय बेनीवाल अभी सरपंच है।

सोशल मीडिया पर जमकर प्रचार प्रसार
छात्रसंघ चुनाव में अभी तक छात्र संगठनों द्वारा अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए गए हैं, इसको लेकर कुछ छात्रनेता अपने-अपने संगठनों से अध्यक्ष पद की दावेदारी के लिए नाम लेकर आ रहे हैं। इसको लेकर विभिन्न छात्र संगठनों द्वारा अपने नए उम्मीदवारों की तलाश भी करनी शुरू कर दी गई है। कुछ छात्र तो अब अपनी टिकट अभी से तय मानकर चल रहे हैं तो कुछ छात्रों का कहना है कि यदि कोई संगठन टिकट नहीं देता है तो निर्दलीय ही चुनाव जीतकर दिखाएंगे। फेसबुक, वाट्सअप आदि पर इन दिनों जबरदस्त प्रचार-प्रसार चल रहा है।

लिंगदोह कमेटी के नियम ताक पर
छात्र नेता लिंगदोह कमेटी के नियमों को ताक पर रखकर प्रचार-प्रसार में जुट गए हैं। इसके परिणामस्वरूप दावेदारी करने वाले छात्र नेता कॉलेजों के मुख्य द्वार पर बड़े-बड़े बैनर व पोस्टर लगा चुके हैं। सरकारी कॉलेज हों चाहे निजी कॉलेज, सभी जगहों पर लिंगदोह समिति की सिफारिशों का जमकर उल्लंघन हो रहा है। अभी तक छात्र संगठनों ने अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं फिर संभावित उम्मीदवारों ने अपने बैनर पोस्टर धड़ल्ले से कॉलेज परिसर की दीवारों तथा शहर के सार्वजनिक स्थानों पर लगा दिए हैं। इसको लेकर कॉलेज प्रशासन किसी भी तरह की गंभीरता दिखाता हुए नजर नहीं आ रहा है।