तहलका न्यूज,बीकानेर। शैक्षणिक एवं शोध गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से बेसिक पी.जी.महाविद्यालय तथा महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की जर्नल प्रोसिडिंग का लोकार्पण महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आचार्य मनोज दीक्षित द्वारा किया गया। यह विमोचन समारोह महाविद्यालय परिसर में एक गरिमामयी कार्यक्रम के दौरान संपन्न हुआ।सम्मेलन का मुख्य विषय ‘‘नवाचार एवं साहस: सामाजिक,आर्थिक एवं तकनीकी परिप्रेक्ष्य’’था, जिसके अंतर्गत देश-विदेश से अनेक शोधार्थियों,शिक्षाविदों एवं विशेषज्ञों ने सहभागिता कर अपने महत्वपूर्ण शोधपत्र प्रस्तुत किए। इन शोधपत्रों को संकलित कर तैयार की गई जर्नल प्रोसिडिंग शोध जगत के लिए एक मूल्यवान दस्तावेज है,जो वर्तमान समय की सामाजिक,आर्थिक और तकनीकी चुनौतियों का समाधान नवाचार व साहस के माध्यम से खोजने का प्रयास करती है।विमोचन समारोह में कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने कहा,‘यह सम्मेलन न केवल अकादमिक दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण रहा, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए नवाचार की भूमिका को भी उजागर किया। जर्नल प्रोसिडिंग में दिये गये शोध-पत्रों की गुणवत्ता यह दर्शाती है कि यह आयोजन गंभीर अकादमिक विमर्श का मंच बना है।’’उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से शैक्षणिक जगत में शोध संस्कृति को नई दिशा मिलती है।महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री रामजी व्यास ने अपने संबोधन में इस आयोजन को महाविद्यालय के लिए गौरव का क्षण बताया और कहा कि यह प्रयास आने वाले समय में युवा शोधकर्ताओं को प्रेरणा देगा। उन्होंने महाविद्यालय की शोधपरक गतिविधियों की निरंतरता का आश्वासन भी दिया। महाविद्यालय प्रबंध समिति के सचिव डॉ.अमित कुमार व्यास ने सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए आयोजन समिति को बधाई देते हुए कहा कि यह आयोजन महाविद्यालय की निष्ठा, समर्पण एवं अकादमिक उत्कृष्टता का प्रमाण है।महाविद्यालय प्राचार्य डॉ.सुरेश पुरोहित ने अपने वक्तव्य में कहा कि यह सम्मेलन महाविद्यालय के लिए एक शैक्षणिक उपलब्धि है, जिससे विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को वैश्विक सोच एवं नवाचार की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी। डॉ. पुरोहित ने कहा कि प्रोसिडिंग में संकलित शोधपत्र न केवल विचारोत्तेजक हैं बल्कि उनमें समाज को दिशा देने की क्षमता भी है।इस अवसर पर नेशनल करियर काउन्सलर डॉ.चन्द्रशेखर श्रीमाली ने बताया कि इस सम्मेलन में भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा अमेरिका,कनाडा,जापान और श्रीलंका जैसे देशों के शोधार्थियों ने भी सहभागिता की। प्रोसिडिंग में 100 से अधिक शोधपत्रों को स्थान दिया गया है।कार्यक्रम का समापन आभार ज्ञापन के साथ हुआ। इस अवसर पर महाविद्यालय के व्याख्याता डॉ.मुकेश ओझा, डॉ.रोशनी शर्मा,डॉ.नमामीशंकर आचार्य,वासुदेव पंवार,श्रीमती माधुरी पुरोहित,श्रीमती प्रभा बिस्सा,श्रीमती सीमा शर्मा,श्रीमती कृष्णा व्यास,श्रीमती प्रेमलता व्यास,सुश्री समीक्षा हर्ष,श्रीमती महिमा किराडू,हितेश पुरोहित,शिवशंकर उपाध्याय,राजीव पुरोहित,पंकज गहलोत आदि उपस्थित रहे।