तहलका न्यूज,बीकानेर। कांग्रेस और भाजपा विधानसभा चुनाव को जीतने के लिये हरसंभव प्रयास में लगी है। जहां मिशन रिपीट के अभियान के तहत मोदी फार्मूला अपना रही है तो भाजपा अब कांग्रेस की राह पर चलती नजर आ रही है। सरकार वापसी में जुटी कांग्रेस ने एक नई रणनीति बनाई है। इस रणनीति के जरिए कांग्रेस राजस्थान के 1 करोड़ मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश करेगी। यहां गौर करने वाली बात यह है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में हवा बनाने के लिए देश भर में चाय पर चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया था। राजस्थान में दो महीने बाद चुनाव है। ऐसे में बिना समय गंवाए कांग्रेस की ओर से चाय पर चर्चा कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। कार्यक्रम का नाम रखा गया है चाय पर चर्चा। इस कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के हर ब्लॉक और ग्राम पंचायत तक पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी आमजन के साथ सरकारी योजनाओं पर चर्चा करेंगे।
गांवों में लगाई जाएगी सर्वाेदय चौपाल
राजीव गांधी पंचायती राज संगठन की ओर से ऐसे लीडर्स मैदान में उतारे जाने की तैयारी की जा रही है जो सरपंच या वार्ड पंच हैं। साथ ही ऐसे नेता जो पालिका,नगर परिषद या फिर चेयरमैन के पद तक कांग्रेस के टिकट पर पहुंचे हैं। वे लोग अपने अपने इलाकों में एक महीने में 5 सर्वाेदय चौपाल लगाएंगे। इस चौपाल में कम से कम 20 लाभार्थी परिवारों से चर्चा करेंगे। ऐसे में कांग्रेस एक महीने में 1 लाख 20 हजार परिवारों तक पहुंचेगी। संगठन का मानना है कि एक परिवार के साथ दो और परिवार कांग्रेस से जुड़ेंगे।
हर परिवार तक पकड़ बनाने की कवायद
सर्वाेदय चौपाल के जरिए कांग्रेस एक करोड़ मतदाताओं तक पहुंचने का प्रयास करेगी जिनसे पार्टी के पदाधिकारी वन टू वन चर्चा करेंगे। हर एक चौपाल में 250 से ज्यादा लोगों को जोड़कर उनसे चर्चा करने का प्लान तैयार किया गया है। हर ब्लॉक के प्रतिनिधि एक महीने में 5 चौपाल का आयोजन करेंगे। चौपाल के दौरान गांव या मोहल्ले की मुख्य जगह पर बैठकर लोगों के साथ चाय पीते हुए चर्चा होगी।
कांग्रेस के साथ जुडऩे की वजह बताएंगे
पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते है कि 6 हजार से ज्यादा पदाधिकारियों के जरिए 1 करोड़ लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया गया है। संगठन के सभी नेता फील्ड में उतरेंगे। साथ ही पार्टी के बड़े पदाधिकारी भी अलग अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ चर्चा करके लोगों को यह बताया जाएगा कि कांग्रेस को वोट क्यों दिया जाए। लोगों को बताया जाएगा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को रिपीट करना क्यों जरूरी है।
भाजपा बढ़ाएगी अल्पसंख्यकों का कोटा
उधर पिछले चुनाव में महज मुस्लिम समाज को एक टिकट देने वाली भाजपा अब कांग्रेस की तर्ज पर अल्संख्यक समाज का कोटा बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रही है। जानकारी मिली है कि इस दफा भाजपा प्रदेश में 15 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। इसको लेकर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में सर्वे भी करवा रही है। लेकिन भाजपा की इस नीति से संघ नाराज नजर आ रहा है। बताया जा रहा है कि प्रदेश की 40 सीटों पर प्रभाव रखने वाले मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने के लिये भाजपा ने यह प्लान बनाया है।
इन विधानसभा सीटों के लिए बीजेपी ने बनाया खास प्लान
विधानसभा चुनाव के चलते बीजेपी कांग्रेस से सत्ता हथियाने के लिए लगातार अपने विशेष प्लान के तहत काम कर रही है। सियासत में चर्चा हैं कि इस बार बीजेपी ने कुछ अलग हटकर कदम उठाने का निर्णय भी लिया हैं। जिसमें मुस्लिम उम्मीदवारों की भागीदारी को बढ़ाने का प्लान भी शामिल है। राजस्थान की मुस्लिम बाहुल्य 40 सीटों में से 15 सीटों के लिए बीजेपी की ओर से जिताऊ मुस्लिम उम्मीदवार को लेकर सर्वे कराया जा रहा है। इनमें कांमा,हवामहल,लाडनूं,नागौर,किशनपोल,सीकर,झुंझुनू,पोकरण,आदर्श नगर,कोटा उत्तर,टोंक,सवाई माधोपुर,डीडवाना और धौलपुर सीटे शामिल है। इसके अलावा बीकानेर पूर्व,अजमेर सहित कुछ ओर विधानसभा क्षेत्र भी है। जहां मुस्लिम चेहरे टिकट मांग रहे है।