तहलका न्यूज,बीकानेर। एक ओर सरकार और उनके विभागीय अधिकारी पूरी पारदर्शिता से काम करने का दंभ भरते है। लेकिन वे कितने पारदर्शी और निष्पक्षता से काम कर रहे है। इसकी बानगी उनके ही आदेशों में देखने को मिलती है। ऐसा ही कारनामा बीकानेर के मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में देखने को मिल रहा है। जो सरकार की ओर से पारित सूचना के अधिकार कानून का कितना मखौल उड़ा रहा है और सरकार के आदेशों को दरकिनार मौसमी बीमारियों की आड़ में अपने चेहतों के पदस्थापन कर रहा है। ऐसे ही तीन से चार प्रकरण सामने आएं है। जिसमें सीएमएचओ ने तबादलों के बैन के बाद भी डेंगू व अन्य मौसमी बीमारियों की आड़ में अपने चेहतों के स्थानान्तरण कर दिए। जबकि एक माह पहले आरटीआई में दी गई सूचना में जनवरी 2024 से 22 नवम्बर तक एक भी डेपुटेशन नहीं करने की बात कही है। मजे की बात तो यह है कि जब हमारे संवाददाता ने उनसे पूछा तो वे भी आज दिनांक तक किसी प्रकार के डेपुटेशन नहीं होने का दम भर रहे है। जबकि उनके ही हस्ताक्षर से कई चिकित्सकों के डेपुटेशन आदेश जारी हुए है। वो भी अक्टुबर और नवम्बर माह में।

आरटीआई में ये दी गई सूचना
सामाजिक कार्यकर्ता राजूदेवी व्यास की ओर से लगाई गई आरटीआई में सूचना चाही गई कि सीएमएचओ कार्यालय की ओर से आज दिनांक तक कितने डेपुटेशन किये गये है। जिसका जबाब देते हुए कार्यालय आदेश संख्या 8243 में बताया गया है कि जनवरी 2024 से 22 नवम्बर तक डेपुटेशन के नाम पर किसी प्रकार के आदेश जारी नहीं किये गये है।

इन चिकित्सा अधिकारियों को लाया गया बीकानेर
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश गुप्ता के 21 अक्टु 24 को आदेश संख्या 6947 निकालकर प्राथमिक स्वा केन्द्र रासीसर पुरोहितान की चिकित्सा अधिकारी डॉ हर्षिता पुरोहित को सिटी डिस्पेन्सरी संख्या 6,पांच नवम्बर 24 के आदेश संख्या 7 437 के अनुसार जिला चिकित्सालय नोखा के चिकित्सा अधिकारी डॉ गौरव शर्मा को शहरी प्राथमिक स्वा केन्द्र नं तीन,11 नवम्बर 24 के आदेश संख्या 7879 के अनुसार जिला अस्पताल नोखा की दंत चिकित्सक डॉ शिवानी कालरा को जो वर्तमान में सिटी डिस्पेन्सरी नं 3 में कार्यरत है,को सिटी डिस्पेन्सरी नं 7 में पदस्थापित किया गया है। इन तीन के अलावा भी कई चिकित्सकों को राजनीतिक दबाव के चलते डेपुटेशन पर ग्रामीण अंचलों से बीकानेर लाया गया है।

डेंगू-मौसमी बीमारियों को बनाया आधार
मजे की बात तो यह है कि सभी आदेशों में डेंगू,मौसमी बीमारियों या चिकनगुनिया को आधार बनाया गया है। चाहे वो चिकित्सक दंत रोग विशेषज्ञ हो या कोई ओर चिकि त्सक। आदेशों में इस प्रकार के रोगों को आधार बनाया जाता है। मानो वे रोग केवल शहरी इलाकों में ही होते हो। ग्रामीण अंचलों में नहीं।

सीएमएचओ ने दी गलत जानकारी,क्या होगा एक्शन
सीएमएचओ की ओर से आरटीआई में दी गई सूचना में गलत जानकारी उपलब्ध क रवाई गई। जो अब चर्चा का विषय बनी हुई है। अपने आदेश में उन्होंने साफ तौर पर किसी प्रकार के डेपुटेशन के लिये मनाही की है। जबकि उन्हीं के हस्ताक्षर से डेपुटेशन के आदेश उन्हीं दिनों में जारी हुए है। ऐसे में सूचना के अधिकार के तहत दी गई जानकारी में गलत सूचना देने पर क्या विभागीय कार्रवाई होगी।

र्जन
पिछले ग्यारह महीनों में सरकार के आदेशानुसार किसी प्रकार के स्थानान्तरण व डेपुटेशन नहीं किये गये है।
डॉ राजेश गुप्ता,सीएमएचओ