जयपुर। मौजूदा पांच राज्यों के चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस चार राज्यों में अपने उम्मीदवारों की लिस्ट का ऐलान कर चुकी है। राजस्थान जहां कांग्रेस सत्ता वापसी के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है, वहां को लेकर कांग्रेस ने अभी तक टिकटों का ऐलान नहीं किया है। राजस्थान को लेकर कांग्रेस फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। इसके लिए कांग्रेस ने तय किया है कि वह न सिर्फ जिताऊ उम्मीदवारों पर दांव लगाएगी, बल्कि जिनके खिलाफ जमीन पर पॉजिटिव फीडबैक नहीं है, उन्हें लेकर पार्टी कोई कड़ा फैसला करने में भी नहीं चूकेगी।

टिकटों को लेकर कांग्रेस में मंथन
सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान को लेकर पार्टी में 15-25 विधायकों के टिकट कटने की चर्चा है। दूसरी ओर तीन से चार मंत्रियों पर भी गाज गिर सकती है। दरअसल, पार्टी इस नतीजे पर अभी तक हुए विभिन्न सर्वे के फीडबैक के आधार पर पहुंची है। पार्टी राजस्थान में हर पांच साल में सरकार बदलने की परंपरा को बदलना चाहती है। इसके लिए हर कदम बेहद सोच समझ कर उठा रही है।

कांग्रेस ने कराए 5 सर्वे
अभी तक राजस्थान को लेकर कांग्रेस में कुल पांच सर्वे हुए हैं। इनमें से तीन सर्वे सीएम अशोक गहलोत की ओर से, एक सर्वे कांग्रेस की ओर से और एक सर्वे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के इशारे पर चुनाव रणनीतिकार सुनील कानुगोलू द्वारा कराया गया। यह सर्वे कानुगोलू की कंपनी असोसिएशन ऑफ ब्रिलियंट माइंड्स की ओर से कराया गया। बताया जाता है कि ये सर्वे सरकार के मंत्रियों और विधायकों के कामकाज, नेताओं की इमेज, सरकार की कार्यप्रणाली, सरकार की नीतियां, सरकारी योजनाओं का जमीन पर प्रभाव और कार्यकर्ताओं के फीडबैक के आधार पर किए गए।

सर्वे के फीडबैक से पार्टी देगी टिकट
इन सर्वे से निकले फीडबैक के आधार पर पार्टी खराब छवि वाले चेहरों से निजात पाने की योजना बना रही है। दरअसल, पार्टी गहलोत के नाम और काम पर चुनाव में जाना चाह रही है। पार्टी मान रही है कि सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ जमीन पर एंटी इनकंबेंसी नहीं है। ऐसे में पार्टी ने उन चेहरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है, जिनके खिलाफ लोगों में नाराजगी है। पार्टी की योजना है कि इस बार नए और युवा चेहरों को मौका दिया जाए, ताकि सरकार के खिलाफ नाराजगी को कम किया जा सके।

केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक पर नजर
राजस्थान के टिकट को लेकर आगामी बुधवार को कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक है, जिसमें टिकटों पर अंतिम मुहर लगेगी। इस बैठक के लिए सीएम गहलोत मंगलवार की देर शाम दिल्ली पहुंच रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, टिकट फाइनल होने के बाद उम्मीदवारी का ऐलान दशहरा के आसपास हो सकता है। दरअसल, राजस्थान में कांग्रेस बहुत जल्द टिकटों की उम्मीदवारी का ऐलान किए जाने के पक्ष में नहीं है। इसके पीछे वजह बताई जा रही है कि असंतुष्टों को अपनी नाराजगी सामने लाने का ज्यादा वक्त न मिले। नाम न उजागर करने की शर्त पर पार्टी के एक एक अहम रणनीतिकार का कहना था कि अगर उम्मीदवारी काफी पहले हो जाती है तो पार्टी और उम्मीदवार का काफी समय और ऊर्जा रूठों को मनाने और असंतुष्टों को मैनेज करने में लग जाती है। इसके अलावा, असंतुष्ट के निर्दलीय या दूसरे दलों से टिकट लेकर चुनावी मैदान में उतरकर कांग्रेस का खेल खराब कर सकते हैं।

13 निर्दलियों में से आठ को मिल सकता है टिकट
उधर सूत्रों के हवाले खबर आ रही है कि सरकार के साथ रहने वाले 13 निर्दलियों में से 8 निर्दलियों को कांग्रेस ने टिकट देने का मानस बना लिया है। इनमें से दो निर्दलिय विधायक वापस निर्दलिय ही चुनाव लड़ना चाहते है,जबकि एक ने अभी तक पत्ते नहीं खोले है। जबकि एक निर्दलिय की सर्वे रिपोर्ट सही नहीं होने के कारण कांग्रेस उन्हें अपना प्रत्याशी नहीं बना रही है। जिन निर्दलियों को कांग्रेस टिकट देना चाहती है,उनमें बाबूलाल नागर,संयम लोढ़ा,रामकेश मीणा,महादेव सिंह,कांति प्रसाद मीणा,रमीला खडिया,आलोक बेनीवाल,लक्ष्मण मीणा को कांग्रेस टिकट दे सकती है। वहीं सुरेश टाक व बलजीत यादव ने निर्दलिय लड़ने का ही मन बनाया है। तो राजकुमार गौड़ के पक्ष में न तो सर्वे रिपोर्ट आई है और न ही समीकरण बैठ रहे है।