उत्तर प्रदेश के लखनऊ में रविवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारणी की बैठक हुई। इसमें असम में बाल विवाह से जुड़ी गिरफ्तारियों का मामला भी उठा। बोर्ड के सदस्यों ने कहा कि असम पुलिस को गिरफ्तारियों पर तुरंत रोक लगानी चाहिए।
मामले में AIMIM चीफ ओवैसी ने सरकार से पूछा कि जिनकी शादी हो चुकी है उन लड़कियों का आप क्या करेंगे? इसके साथ ही उन्होंने कहा कि असम सरकार पर मुस्लिमों के साथ पक्षपात करने का आरोप लगाया है।
जिनकी शादी हो चुकी उनका भी असम सरकार को ख्याल रखना चाहिए
ओवैसी ने बाल विवाह के मुद्दे पर कहा कि असम सरकार ने चार हजार मामले दर्ज किए हैं। अब सरकार को उन लड़कियों के विषय में विचार करना चाहिए, जिनका विवाह हो चुका है। क्योंकि इसके बाद उनकी देखरेख से लेकर गुजारा कैसे होगा बड़ा सवाल है। पार्टी 6 साल से राज्य में सत्ता में है। इतने सालों में उन्होंने बाल विवाह को रोकने के लिए क्या किया है? यह राज्य सरकार की नाकामी है। अभी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना मुमकिन नहीं।
3 दिनों में 2 हजार से ज्यादा लोग गिरफ्तार
असम में बाल विवाह के खिलाफ पिछले 3 दिनों में 10 जिलों से 2 हजार 278 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें ऐसी शादियां कराने वाले हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के पुजारी-मौलवी भी शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि उनके पास कुल 8 हजार लोगों की लिस्ट है। इतनी बड़ी संख्या में पुरुषों गिरफ्तारी के बाद पीछे छूटी महिलाएं मुश्किलों का सामना करने को मजबूर हैं।
निमी की आंखों में मां बनने की खुशी नहीं है, बल्कि डर और असुरक्षा है। रेजिना की आंखों में खालीपन है। वह समझने की कोशिश कर रही है कि उसकी हंसती-खेलती खुशहाल दुनिया एक झटके में कैसे बदल गई। असम के मोरीगांव जिले में रहने वाली ज्यादातर औरतों का यही हाल है।