तहलका न्यूज,बीकानेर। मेड़ता में पुलिस कस्टडी में युवक की मौत के मामले में तीन दिन से चल रहा तनाव अब खत्म हो गया है। मृतक का शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। इससे पहले मृतक के परिजनों और प्रशासन के बीच राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नेताओं की मध्यस्थता में समझौता हो गया। दोनों पक्ष इस समझौते पर सहमत हो गए हैं।रालोपा के पदाधिकारी विजयपाल बेनीवाल ने बताया कि संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन के साथ समझौता हुआ है। इसमें मृतक राजू बावरी के परिजनों को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्णय हुआ है। ये राशि किस परिजन के खाते में जाएगी, इसका परीक्षण किया जा रहा है। इसके अलावा इस मामले में प्रथम दृष्ट्या दोषी दो पुलिस अधिकारियों को नागौर से बाहर स्थानान्तरित किया गया है। वहीं बस में राजू को लेकर जा रहे पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी किया जा रहा है। इन सभी के खिलाफ जांच की जाएगी। पूरे मामले की जांच सीआईडी सीबी करेगी। मृतक राजू बावरी के एक परिजन को सरकारी विभाग में संविदा पर नौकरी दी जाएगी। मामले की प्रशासनिक जांच बीकानेर के संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन करेंगे।समझौता करवाने में विधायक इंद्रा बावरी, विधायक पुखराज गर्ग और रालोपा नेता विजयपाल बेनीवाल की महत्वपूर्ण भूमिका रही। संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन ने राज्य सरकार के साथ समन्वय करते हुए ये समझौता कराया है। गौरतलब रहे कि एक मामले में राजू बावरी को लेकर मेडता पुलिस जा रही थी। इस दौरान बावरी बस के नीचे आने से घायल हो गया। उसे प्राथमिक उपचार के बाद बीकानेर लाया गया, जहां पीबीएम अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उसका शव पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखा गया है। शव उठाने के बजाय परिजन धरने पर बैठ गए हैं। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नेताओं ने इसे मुद्दा बना दिया है। मेड़ता विधायक इंद्रा देवी यहां धरने पर बैठ गई। इसके बाद विधायक पुखराज गर्ग भी पहुंच गए। इन लोगों ने पुलिस को ज्ञापन दिया है, जिसमें कई मांगे रखी गई है। संबंधित थाने के प्रभारी को निलंबित करने, साथ में जा रहे पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने और मृतक के परिजनों को पचास लाख रुपए के साथ सरकारी नौकरी देने की मांग रखी थी। जिसके बाद परिजनों ने पोस्टमार्टम करवाकर शव उठाने पर सहमत हुए।