तहलका न्यूज,बीकानेर। भाजपा के संगठन चुनाव की प्रक्रिया का पहले चरण में बीक ानेर शहर मंडल अध्यक्षों की घोषणा कर दी गई है। लेकिन एक मंडल में आपसी खी ंचतान के चलते पेच अड़ गया है। जानकारी मिली है कि दस मंडल अध्यक्षों में से नौ की घोषणा के बाद भी पार्टी स्तर पर विरोध की सुगबुगाहट शुरू हुई है। अंदर खाने से बात निकलकर सामने आ रही है कि नौ मंडल अध्यक्षों में जातिय समीकरण सही नहीं होने के कारण प्रदेश स्तर पर विरोध दर्ज करवाया गया है। बताया जा रहा है कि इसको लेकर ओबीसी वर्ग के लोगों ने केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल व केन्द्रीय नेतृत्व के साथ साथ चुनावी प्रभारी को शिकायत भी की है। वहीं गंगाशहर मंडल का भी पेच जातिय समीकरण को लेकर अड़ा है। यह भी पता चला है कि केन्द्रीय मंत्री व विधायक की एक राय न होने के कारण इसके अध्यक्ष की घोषणा रोकी गई है।

इनको बनाया गया है मंडल अध्यक्ष
शहर अध्यक्ष के लिए बीकानेर के जिन मंडल अध्यक्षों की घोषणा की गई है,उनमें रानी बाजार मंडल से मुकेश सैनी,नयाशहर मंडल से विशाल गोलछा,पुराना शहर मंडल से आशा आचार्य,लालगढ़ मंडल से धर्मपाल डूडी,जूनागढ़ मंडल से देवरूप शेखावत, मुक्ता प्रसाद मंडल से कपिल शर्मा,शिवबाड़ी मंडल से अभय पारीक,गोपेश्वर मंडल से प्रेम गहलोत,जस्सूसर गेट मंडल से दिनेश चौहान को अध्यक्ष चुना गया है।अभी गंगाशहर मंडल से अध्यक्ष का फैसला होना शेष है।

मंडल अध्यक्षों की घोषणा से नाराजगी उपजी
बताया जा रहा है कि मंडल अध्यक्षों की घोषणा में एक ही वर्ग व एक ही समाज के तीन तीन मंडल अध्यक्षों की घोषणा के बाद नाराजगी उपजने लगी है। कार्यकर्ता इस बात को लेकर रोष जता रहे है कि मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति में सामाजिक समीकरण को दरकिनार किया गया है। नौ मंडल अध्यक्षों में तीन ओबीसी वर्ग के है। इनमें तीनों ही एक समाज से है। वहीं तीन ब्राह्मणों को मंडल अध्यक्ष बनाया गया है। इतना ही नहीं एक मंडल अध्यक्ष तो तय उम्र से ज्यादा का है और उस पर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को टिकट न मिलने के बवाल पर मुकदमा भी दर्ज है। वहीं मुक्ता प्रसाद में विवाद के बाद पुन:उसी को मंडल को अध्यक्ष बना दिया गया है तो शिवबाड़ी में भी मंडल अध्यक्ष रिपीट करने पर विवाद सामने आया है। इतना ही नहीं मंडल अध्यक्ष नियुक्ती में संगठन स्तर पर काम करने वाले नियमों को भी नजर अंदाज किया गया है।

तेज हुई जिलाध्यक्ष की रेस
शहर के नौ मंडल अध्यक्षों की घोषणा के साथ ही जिलाध्यक्ष पद के लिये दौड़ धूप तेज हो गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम व विधायक जेठानंद व्यास अपने चेहतों के नाम पर मुहर लगवाने के लिये जी तोड़ प्रयास कर रहे है। जहां विधायक ने पूर्व महापौर नारायण चोपड़ा व पूर्व उपमहापौर राजेन्द्र पंवार के लिये लॉबिंग की है तो वहीं केन्द्रीय मंत्री पूर्व न्यास अध्यक्ष महावीर रांका,शहर महामंत्री मोहन सुराणा, जिला प्रवक्ता एड अशोक प्रजापत को अध्यक्ष बनाने में एडी चोटी का जोर लगा रहे है। वहीं एक गुट विजय आचार्य को ही फिर से शहर अध्यक्ष बनाने में जुटा है।

देहात में संघर्ष ज्यादा
उधर,देहात भाजपा में अध्यक्ष बनाने के लिए संघर्ष ज्यादा करना पड़ रहा है। इसमें कै बिनेट मंत्री सुमित गोदारा की विशेष भूमिका रहेगी। देहात से इस बार 6 न्याति ब्राह्मण नेता को अवसर मिल सकता है। इसमें कोलायत से पार्टी महामंत्री श्याम पंचारिया का नाम दौड़ में आगे चल रहा है। इसके अलावा श्रीडूंगरगढ़ के छैलू सिंह,श्रीडूंगरगढ़ के ही रामेश्वर पारीक,नोखा के कन्हैयालाल सियाग को देहात अध्यक्ष बनाने के लिए लॉबि ंग हो रही है।

कई नेताओं के लिए उम्र आड़े आई
दरअसल, शहर व देहात अध्यक्ष के लिए कई युवा और वरिष्ठजन भी अध्यक्ष के दावेदार थे लेकिन पार्टी इस बार ब्लॉक अध्यक्ष के लिए 35 से 45 साल का और अध्यक्ष के लिए 45 से 55 साल की आयु का मानदंड तय कर दिया। ऐसे में पहले से चयनित कई मंडल अध्यक्षों को पीछे होना पड़ा। वहीं शहर व देहात अध्यक्ष की दौड़ से भी कई बड़े नेता बाहर हो गए।