




तहलका न्यूज,बीकानेर। शहर में विकास का दावा करने वाली डबल इंजन की सरकार के दावे कितने सार्थक है। इसकी बानगी भगवाधारी दल का गढ़ माने जाने वाले आचार्य चौक में देखने को मिल रही है। जहां पाइप लाइन डालने के बाद टूटी हुई गलियों व सड़कों की मरम्मत तक नहीं की जा रही है। हालात यह है कि यहां आएं दिन पैदल चलने वाले या वाहन चालक गिरकर घायल होते है। मंजर यह है कि सहायक अभियंता प्रवीण व्यास को अनेक बार मोहल्ले वालों ने आग्रह कर दिया। लेकिन वे भी सुनी की अनसुनी कर रहे है। जिसके कारण क्षेत्र के लोगों को परेशानी का सामना क रना पड़ रहा है। क्षेत्र के लोगों से जानकारी मिली है कि इसको लेकर निगम की ओर से निविदा भी निकाली जा चुकी है। उसके बाद भी कार्य शुरू नहीं किया जा रहा है। ज्यादा परेशानी पोलसा की गली में आ रही है। यहां रहने वाले पवन,नंदकिशोर,होलेन्द्र,अशोक,सुमित आचार्य,मनीष,कै लाश,सत्यनारायण ने कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों,निर्वतमान पार्षद अरविन्द किशोर से मौखिक व लिखित रूप से शिकायत दर्ज करवा चुके है। लेकिन न तो निवर्तमान षार्षद और न ही कोई जनप्रतिनिधि शिकायतकर्ताओं की बातों को गंभीरता से ले रहा है। ऐसे में आमजन की सुनवाई करने वाली भजन सरकार के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों द्वारा पीडि़तों को न सुनना कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाती है। मजे की बात तो यह है कि इस क्षेत्र से ही मंडल अध्यक्ष,पार्षद,प्रदेश पदाधिकारी भाजपा विधायक के खासे नजदीकी माने जाते है।
बैठकों में दिए जाते है जनता की समस्याओं के समाधान के निर्देश
गौर करने वाली बात तो यह है कि जिले के प्रभारी व अधिकारी जब बैठकें करते है तो वे विभागीय अधिकारियों को आमजन की समस्याओं के निस्तारण के दिशा निर्देश देते है। किन्तु उनके ये दिशा निर्देश समाचार पत्रों की सुर्खियों तक ही समिति रहते है। उन्हें अमलीजामा पहनाने में निचले स्तर के अधिकारी आनाकानी करते नजर आते है। जिसके चलते समस्या जस की तस रहती है। इतना ही नहीं सीएम ने सुनवाई न होने पर पोर्टल के जरिये अपनी पीड़ा उन तक पहुंचाने की बात भी करते है। परन्तु उसका परिणाम भी शून्य सा ही रहता है।