तहलका न्यूज,बीकानेर। बीकानेर के प्रसिद्ध आयुर्वेद चिकित्सक पुरानी गिन्नानी निवासी डॉ.एन सी मिड्ढा  ने अपने विवाह की वर्षगांठ पर देहदान तथा अंगदान का निर्णय लिया और समाज को बहुत बड़ा संदेश दिया कि हम सबको भी ऐसे कार्यों में आगे आना चाहिए। डॉ. मिड्ढा का मानना है की पंच तत्वों से निर्मित यह मानव शरीर अपने जीवन की तमाम सांसे लेने के बाद जब आत्मा से जुदा हो जाता है तो वह मिट्टी हो जाता है। मृत्यु के बाद उसे पंच तत्व में विलीन करने के लिए अग्नि या मिट्टी के हवाले कर दिया जाता है। अगर इसी शरीर को देहदान के जरिए मेडिकल कॉलेज में पढऩे वाले विद्यार्थियों को रिसर्च एवं शिक्षा की गुणात्मक अभिवृद्धि में सहयोग के लिए दान किया जावें तो उसका सार्थक उपयोग हो सकता है। डॉ. मिड्ढा सर्व मानव कल्याण समिति के सदस्य हैं जहां शरीर को नश्वर मानते हुए देहदान के महत्व को लेकर लगातार लोगो को जागरूक किया जा रहा है। परिवार के सभी सदस्यों की सहमति के बाद डॉ. मिड्ढा ने देहदान के संकल्प पत्र को सर्व मानव कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ राकेश रावत को सौपा।डॉ रावत ने बताया इस समिति के माध्यम से अब तक 110 प्रबुद्ध नागरिक देहदान का संकल्प भर चुके हैं और 6 ने तो देह दान कर भी दिया तथा 70 अंग दान का संकल्प ले चुके हैं।डॉ राकेश रावत ने समस्त सदस्यों की तरफ से डॉक्टर मिढा का आभार प्रकट किया और यह कामना करी की भविष्य में और प्रबुद्ध वर्ग के लोग भी इस महाअभियान में जुड़ते जाएंगे।