तहलका न्यूज,बीकानेर। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन विभाग द्वारा 9 सितम्बर को आचार संहिता लागू होते ही विधानसभाओं में जिला निर्वाचन अधिकारियों के निर्देश पर निर्वाचक एवं रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों ने नेताओं के झण्डे-बैनर व होर्डिंग्स हटवा दिए। आचार संहिता की पालना नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर नेताओं का प्रचार चल रहा है। हालांकि सोशल मीडिया पर आचार संहिता के बाद वाले विज्ञापनों पर कार्रवाई के लिए मीडिया सर्टिफिकेशन ऑफ मॉनिटरिंग कमेटी बनी होती है, वहीं कार्रवाई करती है।शायद उनकी नजर लोगों के फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया अकांउट पर नहीं जा रही है। सोशल मीडिया पर नेता एवं उनके समर्थकों ने प्रचार प्रसार की धमाल मचा रखी है।
नेता व समर्थक कर रहे वाहवाही
विधानसभा चुनाव को लेकर नेता व समर्थक पिछले कई माह से प्रचार कर रहे थे। कहीं पर पोस्टर, होर्डिंग्स लगाए जा रहे थे। आचार संहिता के बाद पाबंदी लग गई, लेकिन सोशल मीडिया पर नेता व समर्थक अभी भी प्रचार कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर प्रचार पर कोई पाबंदी नहीं होने से बैनर-पोस्टर बनाने वाले प्लेटफार्म को नुकसान हो रहा है। नेता एवं उनके समर्थक कम खर्च में ही सोशल मीडिया पर प्रचार कर रहे हैं।
बना रखे हैं सोशल मीडिया विंग व पेज
विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए विधानसभा चुनाव लडऩे वाले अधिकांश नेताओं की अपनी टीम है। यह टीम सोशल मीडिया पर काम करती है। यहां तक कि नेता ही नहीं राजनीतिक पार्टियों ने सोशल मीडिया ग्रुप और अपनी टीम के नाम से पेज बनाकर सोशल मीडिया प्रभारी, सहप्रभारी आदि की नियुक्तियां भी कर रखी है। जिनके माध्यम से पार्टियों के समर्थक व नेताओं के समर्थक उनकी पोस्टें डालकर शेयर कर रहे है।