जयपुर। राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण को लेकर पिछले एक महीने से कवायद चल रही है। पार्टी हाईकमान की ओर से गठित पर्यवेक्षकों की टीम लगातार फीडबैक ले रही है और प्रदेश प्रभारी भी लगातार दावेदारों से संपर्क कर रहे हैं। प्रत्याशियों के पैनल को शॉर्टलिस्ट कर लिया गया है और इसे हाईकमान को भेजा जाएगा। टिकट वितरण का अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान को करना है। इसी बीच कांग्रेस वॉर रूम में प्रदेश प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें दावेदारों और समर्थकों के साथ विस्तार से चर्चा की गई। रंधावा ने दो टूक कहा कि जो भी नेता बगावत करेगा, पार्टी उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।

सर्वे से पूरी जानकारी जुटा रही है कांग्रेस
पार्टी की ओर से अलग-अलग एजेंसियों से करवाए गए सर्वे में सभी दावेदारों के बारे में पूरी जानकारी जुटाई गई है। यह भी पता लगाया गया है कि ऐसे कौन कौन नेता हैं जो टिकट नहीं मिलने पर बगावत कर सकते हैं। बगावत करने वाले संभावित नेताओं की लिस्ट भी बना ली गई है। उन पर निगरानी रखी जा रही है। प्रदेश प्रभारी रंधावा ने कहा कि अगर किसी के दिमाग में बगावत करने का जरा भी विचार चल रहा है तो इस विचार को वे तुरंत बाहर निकाल दें।

निर्दलीय विधायकों को भी दी जा सकती है टिकट
कांग्रेस को सिर्फ जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश है। जरूरी नहीं कि पार्टी सिर्फ मौजूदा विधायकों या हारे हुए प्रत्याशियों को टिकट दे। अगर क्षेत्र में निर्दलीय विधायक की पकड़ अच्छी है और वह कांग्रेस में शामिल होने को तैयार हैं तो पार्टी निर्दलीय विधायकों को भी टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारेगी। कांग्रेस इस बार हर हाल में सरकार को रिपीट करना चाहती है। ऐसे में टिकट वितरण में सिर्फ जिताऊ प्रत्याशियों को ही टिकट देने की तैयारी चल रही है।

युवाओं के साथ बुजुर्ग नेताओं के अनुभवों को भी प्राथमिकता
इस बार के विधानसभा चुनावों में 50 फीसदी टिकट युवाओं को देना तय किया गया है। राहुल गांधी के निर्देश पर युवाओं को इस बार प्रतिनिधित्व करने का सुनहरा अवसर मिलने वाला है। तो क्या बुजुर्ग नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। इस सवाल के जवाब पर प्रदेश प्रभारी रंधावा का कहना है कि जितना सम्मान युवाओं को दिया जाएगा। उतना ही सम्मान बुजुर्ग नेताओं को भी दिया जाएगा। बुजुर्गों के पास काम करने का लंबा अनुभव है। पार्टी इस अनुभव का भी लाभ लेगी।

किसी भी सूरत में हार मंजूर नहीं
श्मिशन रिपीटश् का टारगेट लेकर प्रचार अभियान में जुटी कांग्रेस इस बार कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने साफ कह दिया है कि सिर्फ जिताऊ नेताओं को ही टिकट दिए जाएंगे। अगर किसी वरिष्ठ नेता की रिपोर्ट खराब है तो उनका टिकट काटा जाएगा। उनके स्थान पर नए चेहरे को मौका दिया जाएगा। केंद्रीय नेतृत्व की ओर से बनाए पर्यवेक्षकों ने प्रदेश की सभी सीटों पर दावेदारी पेश करने वालों के बारे में जानकारी जुटाई है। प्रत्याशियों के साथ स्थानीय नेताओं से भी फीडबैक लिया गया। हार किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है। ऐसे में दिग्गजों के टिकट काटने में पार्टी जरा भी संकोच नहीं करेगी।

इन 33 सीटों पर मिली निगेटिव रिपोर्ट
कांग्रेस पार्टी की ओर से 5 बार सर्वे करवाए गए। इन सर्वे में कुल 33 विधानसभा सीटों से वर्तमान जनप्रतिनिधियों और पूर्व प्रत्याशी रहे नेताओं की रिपोर्ट निगेटिव आई है। ऐसे में इन सीटों पर मौजूदा जनप्रतिनिधियों के टिकट काटे जाने के लिए प्रदेश नेतृत्व ने केंद्रीय नेतृत्व को प्रस्ताव भेजा जिसे केंद्रीय नेतृत्व ने मंजूरी दे दी है।

निगेटिव रिपोर्ट वाली विधानसभा सीटों इस प्रकार हैं
श्रीगंगानगर, हनुमानगढ, पिलानी, करनपुर, उदयपुरवाटी, दातारामगढ़, हवामहल, आदर्श नगर, चाकसू, बगरू, रामगढ, कठूमर, बयाना, हिंडौन, बामनवास, मारवाड़ जंक्शन, बिलाड़ा, शिव, जैसलमेर, गुढामलानी, सिरोही, बेंगू, सहाड़ा, सांगोद, डूंगरपुर, थानागाजी, मंडावा, दौसा, बस्सी, शेरगढ़, दूदू और नदबई। वर्तमान में इन 33 सीटों में 6 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी हैं जबकि एक सीट बीजेपी के पास है।