तहलका न्यूज,बीकानेर।गोपेश्वर महादेव मंदिर गंगाशहर में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से सात दिवसीय श्री राम कथा का भव्य आयोजन किया गया । जिसके छठवें दिन आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री त्रिपदा भारती  ने प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त केवट का चित्रण इस प्रकार किया कि उपस्थित जनसमूह भाव विभोर हो उठा। कथा का शुभारंभ गोविंद ग्रोवर द्वारा पूजन से किया गया । साध्वी ने बताया कि प्रभु श्री राम केवट के पास जाकर उसे नदी पार करवाने की मांग करते हैं केवट बिना किसी परिचय के ही प्रभु श्रीराम को पहचान जाता है क्योंकि केवट के पास वह दिव्य दृष्टि थी उसके पास वह ब्रह्म ज्ञान था जिससे प्रभु के वास्तविक रूप का बोध हो जाता है। साध्वी जी ने बताया कि परमात्मा तो देखने का विषय है उसे पहले देखा जाता है फिर उसके बारे में व्याख्यान किया जाता है। आज लोग धन विद्वता या बोल के आधार पर प्रभु को प्रसन्न करना चाहते हैं जो कि असंभव है हमारे शास्त्र कहते हैं कि यदि प्रभु को पाना चाहते हो तो केवल भावों से ही उसे पा सकते हो अन्यथा नहीं केवट के पास बल बुद्धि या धन नहीं था लेकिन उसके पास भाव थे प्रेम था जिसके वसीभूत हो प्रभु उसके पास खींचे चले आए यही तो कारण था कि प्रभु आज साधारण से केवट से नदी पार करवाने का आग्रह करते हैं यदि हम चाहते हैं कि हमारे भीतर भी प्रभु के प्रति भाव,प्रेम उत्पन्न हो तो सर्वप्रथम आवश्यकता है ब्रह्म ज्ञान के माध्यम से ईश्वर का साक्षात्कार करने की जो एक पूर्ण गुरु द्वारा ही संभव है । इसके अतिरिक्त अन्य साध्वी बहनों और भाइयों ने सुमधुर भजनों का गायन कथा में किया और कथा का समापन नरसिंह दान बिता,राजेश श्रीवास्तव,गगनदीप अग्रवाल,शंकर अग्रवाल,प्रहलाद अग्रवाल,चांदरतन अग्रवाल ,दिनेश स्वामी, विवेक शर्मा,सुरेन्द्र अग्रवाल द्वारा प्रभु की पावन आरती के साथ किया गया ।