तहलका न्यूज,बीकानेर। तीव्र गति से बढ़ते AI के दौर में मनुष्य और अधिक जिज्ञासु हो रहा हैं ।इसी को ध्यान में रखते हुए श्री जैन कन्या पी जी महाविद्यालय के आतिथ्य में राजकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय और श्री जैन कन्या पी जी महाविद्यालय के सयुंक्त तत्वाधान में दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारम्भ हुआ। प्रथम दिवस के उद्घाटन सत्र में देश विदेश से पहुंचे गणमान्य अथितियों का राजस्थानी परम्परा के अनुसार स्वागत किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती की प्रतिमा के आगे द्वीप प्रज्ज्वलन करके किया गया।सत्र के प्रारम्भ में श्री जैन पाठशाला सभा संस्था अध्यक्ष विजय कुमार कोचर ने डॉ नीलांजन डे को पुष्प गुच्छ और शाल ओढ़ाकर स्वागत किया ।महाविद्यालय प्राचार्य डॉ संध्या सक्सेना ने डॉ ज्योति गजरानी का पुष्प गुच्छ और शाल ओढ़ाकर स्वागत किया। रोटरी क्लब के सदस्य मनोज कुड़ी का डॉ पंकज दाधीच द्वारा डॉ विशाल गौड़ का डॉ राजेन्द्र जोशी द्वारा,श्रीमती प्रीति डागा व डॉ भावना शर्मा का डॉ पद्मा जोशी,डॉ वंदना राजवंशी और श्रीमती रश्मि हर्ष द्वारा स्वागत किया गया। प्रथम दिन उद्घाटन सत्र में स्वागत समारोह के बाद संस्था अध्यक्ष ने अपने उद्बोधन में आज के युग में तकनीक के अधिकतम और सकारात्मक प्रयोग के बारे में इस प्रकार के सेमिनार के महत्व की बात कही। इसी दौरान रोपरिन विश्वविद्यालय कुर्दिस्तान,ईरान की अध्यक्ष डॉ पाइयान अहमद ने अपने ऑनलाइन पत्रवाचन में वर्तमान समय में तकनीकी समस्याओं को सामाजिक स्तर पर सुलझाने साथ ही खाड़ी देशो में वर्तमान समय में उत्पन्न तकनीकी समस्याओं को हल करने में तकनीक का सकारात्मक प्रयोग करने एवं भारत पाकिस्तान अफगानिस्तान आदि देशो में तकनीक के प्रभाव पर अपने विचार रखे।
TINT विश्वविद्यालय,कलकत्ता के डॉ निरंजन डे ने अपने पत्रवाचन में महिला दिवस पर तकनीक के क्षेत्र में सुविख्यात महिलाओं के योगदान के बारे में जानकारी दी। ताइवान से डॉ अमित जोशी ने अपने ऑनलाइन पत्रवाचन में विश्व स्तर पर कंप्यूटर की जटिलता को मानवीय बुद्धिमता से हल करने के प्रयास पर बल दिया। ECB के व्याख्याता डॉ सी एन श्रीमाली ने अपने उद्बोधन में भारतीय ज्ञान परम्परा के महत्त्व को बताया और कहा कि आज विश्व के बड़े बड़े विकसित राष्ट्र अपने तकनीक और ज्ञान के दम पर सफलता हासिल कर रहे हैं। लेकिन उनकी सफलता के पीछे कही न कही भारतीय ज्ञान और परंपरा का सबसे बड़ा योगदान रहा हैं।डॉ पंकज दाधीच ने सेमिनार में आए सभी अथितियों के समक्ष महाविद्यालय के कंप्यूटर विभाग की सफलताओं पर प्रकाश डाला। सेमिनार के दूसरे और तीसरे सत्र में 47 छात्राओं ने पत्र वाचन किया । ECB के डॉ विशाल गौड़ ने सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। महाविद्यालय की छात्राएं भूमि कँवर और प्रियांशी पारीक ने मंच सञ्चालन किया।