जयनारायण बिस्सा
तहलका न्यूज,बीकानेर। प्रदेश में कांग्रेस जहां सरकार रिपीट के लिये कशमकश कर रही है तो भाजपा किसी भी हालत में सरकार बनाने के लिये आमदा है। ऐसे में दोनों ही राजनीतिक दल प्रत्येक विधानसभा सीट पर बारिकी से काम कर रहे है और चुनावी गणित लगाकर प्रत्याशी उतारने के मूड में है। ऐसे में भाजपा की कमान अब प्रधानमंत्री ने संभाल कर अपने स्तर पर भी सर्वे रिपोर्ट तैयार करवाने के लिये प्रत्येक विधानसभा में अन्य राज्यों के विधायकों को भेजने का प्लान बनाया है। तो गृहमंत्री अमित शाह भी अपने स्तर पर एक गोपनीय सर्वे करवा चुके है। अब तक हुए तीन सर्वे में न केवल विधानसभा में प्रत्याशी उतारने के साथ साथ लोकसभा चुनाव को लेकर भी गुपचुप नामों पर मंत्रणा की गई है। जिस पर भाजपा ने काम भी करना शुरू कर दिया है। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा पहले कमजोर सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा करेगी। अगर बात बीकानेर जिले की करे तो भाजपा श्रीडूंगरगढ़,कोलायत,खाजूवाला और लूणकरणसर पर ज्यादा फोकस कर रही है। जहां जीताउ उम्मीदवारों की तलाश की जा रही है।

लूणकरणसर में स्थानीय विधायक से लोगों की नाराजगी
हालांकि लूणकरणसर सीट पर पहले से ही भाजपा काबिज है। किन्तु सर्वे रिपोर्ट में इस सीट पर पार्टी को खतरा लग रहा है। यहां से स्थानीय विधायक के प्रति आमजन की नाराजगी पार्टी के लिये भारी पड़ सकती है। ऐसे में पार्टी किसी ब्राह्मण चेहरे पर भी मंथन कर रही है। पार्टी के अन्दुरूनी सर्वे में प्रभूदयाल सारस्वत का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है। परन्तु पार्टी के सामने यह उलझन है कि अगर श्रीडूंगरगढ़ से ब्राह्मण प्रत्याशी उतारे तो लूणकरणसर में जाट को ही टिकट देना पड़ेगा। ऐसे में श्रीडूंगरगढ़ व लूणकरणसर सीट भाजपा के लिये उलझन वाली है। जहां पार्टी उहापोह की स्थिति में है। अन्दुरूनी सर्वे में डॉ महेश मूंड का नाम भी बताया जा रहा है। किन्तु एक विशेष गुट से उनकी सक्रियता कही न कही आड़ी आ सकती है। यहां रालोपा भी अपना प्रत्याशी उतारकर कही न कही कांग्रेस-भाजपा के लिये सिरदर्द पैदा कर सकती है।

श्रीडूंगरगढ़ की गणित थोड़ा अलग
श्रीडूंगरगढ़ में सर्वे की बात करे तो ताराचंद सारस्वत के साथ रामगोपाल सुथार,छेलूसिंह व किशन गोदारा के ईदगिर्द पार्टी की सुई घूमती नजर आ रही है। लेकिन यहां का गणित थोड़ा अलग रहा है। अब भाजपा इस बात को लेकर मंथन कर रही है कि ब्राह्मण प्रत्याशी उतारा जाएं या ओबीसी वर्ग से। इतिहास गवाह है जब जब ओबीसी प्रत्याशी यहां उतरा है तब तब भाजपा की झोली में यह सीट गई है। लेकिन पार्टी अपने स्थाई वोट बैंक के साथ भी छेड़खानी नहीं कर सकती। ऐसे में तालमेल बैठाकर समय की अनुकुलता के आधार पर टिकट बांटने की कोशिश की जाएगी। फिलहाल सर्वे में चार नामों पर गंभीरता से चर्चा की जा रही है।

कोलायत में भाटी के विकल्प की तलाश
जानकारी मिली है कि पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी द्वारा पूर्व सीएम का राग अलाप भाजपा को रास नहीं आ रहा है। इसलिए पार्टी कोलायत में नये विकल्प की तलाश में जुटी हुई है। यहां पार्टी नया चेहरा भी उतार सकती है। वैसे सर्वे में भूपसिंह भाटी,अशोक प्रजापत,श्याम सिंह हाडलां, चंपालाल गेदर के नाम अहम बताएं जा रहे है। किन्तु चंपालाल गेदर के आड़े संगठन में बड़ी जिम्मेदारी वालों को टिकट न देने की पॉलिसी आड़े आ रही है। वहीं भाजपा अप्रत्याशित चेहरा भी उतार सकती है। जिसको लेकर भी खूब चर्चाएं चल रही है। अन्दरखाने की माने तो तेजाराम मेघवाल के नाम पर भी मंथन किया जा रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिर पार्टी यहां ओबीसी का कार्ड खेलती है या अनुसूचित जाति का।

नोखा में बिहारी पहले नंबर पर
उधर नोखा के लिये हुए प्रत्येक सर्वे में विधायक बिहारीलाल पहले पायदान पर है। हालांकि यहां से कन्हैयालाल सियाग भी प्रमुख दावेदारों की लिस्ट में है। परन्तु पार्टी द्वारा सर्वे के लिये तय किये गये मापदंड में बिहारी हर जगह खरे उतरे है। अब चुनावी परिस्थितियां क्या होगी। ये तो आने वाला समय बताएगा।

खाजूवाला में फंसा है पेच
जिले की एक मात्र रिजर्व सीट खाजूवाला पर पार्टी का पेच फंसा हुआ है। बताया जा रहा है कि पूर्व संसदीय सचिव डॉ विश्वनाथ को वसु गुट का माना जाने के कारण उनके अड ़चने आ सकती है। किन्तु इसके लिये पार्टी ने उनको गोपनीय संदेश भी दिया है। सर्वे में उनका नाम पहली पंक्ति में है। तो पार्टी यहां मांगीलाल मेघवाल के नाम पर भी चर्चा कर रही है।

बीकानेर पूर्व में सिद्विकुमारी पर दावं के प्रयास
बीकानेर पूर्व से तीन बार की विधायक सिद्विकुमारी का टिकट काटने को लेकर पार्टी के पास कोई ठोस आधार विरोधी नहीं दे पाएं है। परन्तु उनकी वसु गुट के प्रति निष्ठा को लेकर पार्टी मंथन जरूर कर रही है। ऐसे में पार्टी ने सर्वे में विकल्पों को खुला रखते हुए पूर्व न्यास अध्यक्ष महावीर रांका,मोहन सुराणा के नामों पर भी चर्चा की है। पार्टी में इन बातों को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है कि गुटबंदी के कारण प्रत्याशियों का चयन और नये विकल्पों के प्रयोग घातक न हो जाएं।

पश्चिम से भी अनेक दावेदार,परिस्थितियां से बदलाव के संकेत
जहां बीकानेर पश्चिम से भाजपा के अनेक दावेदार सामने आएं है परन्तु धरातलीय सर्वे में प्रमुखता से तीन नाम सामने आ रहे है। इनमें गोकुल जोशी,जेठानंद व्यास,विजय आचार्य है। लेकिन इस सीट को पार्टी कांग्रेस के कदम के बाद ही तय करेगी। अगर शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला को पार्टी टिकट देने में आना कानी करें तो परिस्थितियां के चलते पार्टी अपनी रणनीति में बदलाव भी कर सकती है। हालांकि यहां से भाजपा नये चेहरों पर भी विचार कर रही है। इनमें अरूण आचार्य,महेश व्यास,दिलीप जोशी,भंवर पुरोहित सरीखे नाम सामने आएं है। परन्तु इतना तय है कि इस सीट पर भाजपा कांग्रेस की रणनीति के अनुरूप ही अपना दावं खेलेगी।

सर्वे में बनाएं अनेक आधार
कहने को तो भाजपा के सर्वे का आधार आमजन से बातचीत और पार्टी पदाधिकारियों की रायशुमारी माना जा रहा है। किन्तु ऐसा नहीं है,पार्टी ने दावेदारों की सोशल मीडिया पर सक्रियता,आमजन के प्रति व्यवहार,पार्टी के कार्यक्रमों व केन्द्र सरकार की योजनाओं के प्रचार प्रसार में सक्रियता को आधार बनाया है। ऐसे में कौन कितना इनमें फिट बैठता है,उसके आधार पर टिकट दिया जाएगा। हालांकि अभी तक पार्टियों से नाराज लोग भी आएंगें। जिन्हें भी पैराशूटी उम्मीदवार बनाएं जाने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता।