तहलका न्यूज,बीकानेर। हमें अपनों ने लूटा गैरों में कहा दम था कश्ती वहां डूबी जहां पानी का बहाव कम था। कुछ ऐसे ही हाल चुनाव से ठीक पहले बीकानेर में देखने को मिल रहे है। जहां शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला को अपनोें के ही विरोध का सामना करना पड़ रहा है। पहले बीकानेर पश्चिम में युवा चुनाव लड़ने को तैयार लेने वाले विवादित बयान के बाद अब मतदाता सूचियों में गड़बड़ी को उजागर करने वाले कांग्रेसजनों को यह कहना कि वे मन में सोचे की कांग्रेसी है या नहीं। ने बवाल मचा दिया है। डॉ कल्ला के इस बयान ने तूल पकड़ लिया है और मामला हाईकमान तक पहुंचाने के लिये विरोधी भी लामबद्ध होने लगे है। हालांकि इस बयान को लेकर उनके प्रतिद्धन्द्धी कहे जाने वाले राजकुमार किराडू ने तो दिल्ली दरबार तक शिकायत दर्ज करवा दी है। किन्तु पिछले कुछ समय से बीकानेर पश्चिम में राजनीतिक माहौल कुछ अलग अलग सा दिखाई देने लगा है। पिछले चुनाव से अब तक की बात करें तो डॉ कल्ला के खिलाफ मानो एक इंडिया जैसा मोर्चा खड़ा हो गया है। चुनाव के इस मौसम में इन मुद्दों को विपक्ष सहित कल्ला विरोधी भी सोशल मीडिया पर हवा देने से बाज नहीं आ रहे है।
कल्ला खिलाफ सीधा मोर्चा,चौक चौराहों पर शुरू हुई कानाफुसी
राजनीतिक जानकारों की माने तो डॉ कल्ला के खिलाफ यह सीधा मोर्चा खुल गया है। जिसको लेकर चौक चौराहों पर कानाफुसी का दौर भी शुरू हो गया है। कोई इसे गहलोत व पायलट गुट की सीधी लड़ाई के रूप में देख रहा है तो कोई इस कार्यकाल में पद के दुरूपयोग से जोड़कर बातें कर रहा है। मजे की ता तो यह है कि जिला निर्वाचन की आड़ में शुरू हुए इस संघर्ष में आवाज उठाने वाले अधिकांशत कही न कही पायलट के समर्थक नजर आ रहे है। ऐसे में इस घटनाक्रम को लोग अब राहुल गांधी के बयान से भी जोड़ने लगे है। जिसमें उन्होंने कहा था कि वे छत्तीशगढ़-मध्यप्रदेश में सरकार बना रहे है। परन्तु राजस्थान में मुकाबले में है। कांग्रेस के युवराज के इस बयान का यह अपने आप में प्रमाण भी दिखा दे रहा है।
क्या गहलोत कर पाएंगे डैमेज कंट्रोल
तेजी से बदल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच 29 सितम्बर को सीएम अशोक गहलोत बीकानेर आ रहे है। उनका यहां आना महज इतफाक हो सकता है। किन्तु डॉ कल्ला विरोधी गहलोत की इस यात्रा को लेकर अन्दरूनी तैयारी में जुट गये है। वे बीकानेर में गहलोत से अलग मिलने का समय लेने में जुट गये है।
लंबे समय से सोशल मीडिया पर हो रहा विरोध
ऐसा नहीं कि डॉ कल्ला इन बयानों को लेकर विवाद में रहे है। पिछले दिनों कुछ अधिकारियों के स्थानान्तरण,भूमाफिया द्वारा जमीनों पर कब्जे में शह देने,कार्यकर्ताओं के काम न करने जैसे गंभीर आरोप भी उन पर लगे और सोशल मीडिया पर इसको लेकर लोगों ने कल्ला की खासी खिचाई भी की। हालांकि इन मामलों में कल्ला का कितना हाथ है या नहीं। इसकी कही पुष्टि नहीं। पर इन विवादों से शिक्षा मंत्री के प्रति नाराजगी जरूर देखने को मिली है।