तहलका न्यूज,बीकानेर। शारदीय नवरात्रि का आरंभ 15 अक्टूबर से हो रहा है। नवरात्रि के इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों से पूजा की जाती है। नवरात्रि का आरंभ आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से आरंभ होता है। इस बार शारदीय नवरात्रि का आरंभ 15 अक्टूबर से हो रहा है और 23 अक्टूबर को इसका समापन होगा। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है। आइए जानते हैं घटस्थापना का शुभ मुहूर्त कब से कब तक रहेगा।

शारदीय नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त
पंडित भैरवरतन बोहरा के अनुसार, घटस्थापना और देवी पूजा प्रातः काल करने का विधान हैं। 15 अक्टूबर रविवार को चित्रा नक्षत्र का शाम में 6 बजकर 12 मिनट तक हैं और वैधृति योग सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। हालांकि,विशेष परिस्थितियों में जब चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग और चित्रा नक्षत्र के दो चरण व्यतीत हो चुके हैं तो घटस्थापना की जा सकती है।

इस समय घटस्थापना करना शुभ
पं बोहरा के अनुसार 15 अक्टूबर को प्रातः काल में चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग के दो दो चरण संपूर्ण हो जाएंगे। ऐसी स्थिति में घटस्थापना प्रातः काल भी कर सकते हैं। साथ ही अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापना की जा सकती है। 15 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 59 मिनट से लेकर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप घटस्थापना कर सकते हैं।

घट स्थापना मुहूर्त शोधन:-
दिनमान के तीन भाग में से प्रथम भाग, द्विस्वभाव लग्न में तथा चित्रा नक्षत्र विहीन व वैधृति योग विहीन काल मे होना चाहिए । प्रातःकालीन कन्या लग्न में उपरोक्त परिस्थिति उपलब्ध नही है, तथा धनु लग्न के में भी चित्रा नक्षत्र है,इस परिस्थिति में शास्त्रो में उल्लेख है कि घट स्थापना किस भी परिस्थिति में 16 घटी से पूर्व यानि दोपहर 1:01 मिनिट तक हो जानी चाहिए । मध्यान्ह पश्चात व रात्रि में घट स्थापना निषेध है ।घट स्थापना में चौघड़िया मुहूर्त नही लिया जाता है ।अतः अभिजित मुहूर्त समय 11:59 से 12:45 में घट स्थापना का मुहूर्त शुभ रहेगा ।

घटस्थापना में रखें इन बातों का खास ख्याल
घट स्थापना यानी मिट्टी का घड़ा, चांदी, अष्ट धातु, पीतल या आदि धातु का कलश इसे नवरात्रि के प्रथम दिन शुभ मुहूर्त में ईशान कोण में स्थापित किया जाता है। इसके लिए सबसे पहले थोड़ी सी मिट्टी डालें और फिर इसमें जौं डालें फिर एर परत मिट्टी की बिछाए एक बार फिर जौं डालें। फिर से मिट्टी की परत बिछाएं। अब इस पर जल का छिड़काव करें। इसके बाद इसे स्थापित कर दें। घटस्थापना करने से पहले लकड़ी के टुकड़े पर एक पाट रख दें। इसके बाद इसपर एक लाल कपड़ा बिछाकर इसपर घट स्थापित करें। घट पर रोली या चंदन से स्वस्तिक जरुर बनाएं। घट के गले में कलावा बांधे। कलश के नीचे थोड़ा से चावल जरुर डालें और कलश के अंदर सिक्का, सुपारी,पंचपल्लव (आम के पत्ते), सप्तम मृतिका (मिट्टी), डाल दें। मिठाई, प्रसाद आदि घट के आसपास रखें। सबसे पहले गणेश वंदना करें और फिर देवी का आह्वान करें। इसके बाद देवी देवताओं का आह्वान करते हुए प्रार्थना करें।