



तहलका न्यूज,बीकानेर।अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (ABRSM) के आव्हान पर 01 सितम्बर को उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय पर तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग को लेकर राज्य व्यापी आंदोलन के क्रम में शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने सोमवार को जिला कलक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन कर अतिरिक्त जिला कलक्टर बीकानेर को प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश बिश्नोई एवं जिलाध्यक्ष मोहनलाल भादू के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का ज्ञापन दिया । जिलामंत्री नरेन्द्र आचार्य ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के इस निर्णय के अनुसार कक्षा आठ तक पढ़ाने वाले सभी सेवारत शिक्षकों पर शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) अनिवार्य कर दी गई है, चाहे उनकी नियुक्ति की तिथि कुछ भी रही हो। यह स्थिति देशभर के लाखों शिक्षकों की सेवा सुरक्षा और आजीविका को संकट में डाल सकती है।प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश बिश्नोई ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञापन में स्पष्ट किया है कि आरटीई अधिनियम 2009 एवं एनसीटीई की अधिसूचना 23 अगस्त 2010 के अनुसार दो अलग-अलग श्रेणियाँ मान्य थीं,एक 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षक, जिन्हें योग्य माना गया और टीईटी से छूट दी गई थी तथा दूसरा वर्ग जो 2010 के बाद नियुक्त शिक्षक, जिन्हें एक निश्चित अवधि में टीईटी उत्तीर्ण करना आवश्यक था।लेकिन माननीय न्यायालय के इस निर्णय ने इस भेद को अनदेखा कर दिया है, जिससे 2010 से पूर्व वैध रूप से नियुक्त शिक्षकों की सेवा भी असुरक्षित हो गई है। जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश भादू ने कहा कि राजस्थान में संगठन द्वारा शीघ्र ही इस फैसले पर रिव्यू पिटिशन के लिए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा एवं शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के नाम का ज्ञापन देकर राज्य के शिक्षकों के सम्मान को बनाए रखने की मांग की गई।ग्रामीण मंत्री विकास पवार ने कहा कि विगत कई वर्षों से शिक्षा व्यवस्था को संभाल रहे अनुभवी शिक्षकों पर अचानक टीईटी की अनिवार्यता थोपना न केवल अन्यायपूर्ण है बल्कि यह शिक्षा की निरंतरता को भी बाधित करेगा। सरकार को तत्काल हस्तक्षेप कर इसे केवल भविष्य की नियुक्तियों पर लागू करना चाहिए।जिला उपाध्यक्ष दानाराम ने कहा कि इस निर्णय से राज्य में 2 लाख से अधिक शिक्षक प्रभावित होंगे। जिन्होंने वैधानिक प्रक्रिया के अंतर्गत नियुक्ति प्राप्त की थी, उनकी सेवा अब असुरक्षित हो गई है। यह स्थिति शिक्षकों के मनोबल को तोड़ेगी और शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी।अतिरिक्त जिलामंत्री मोहम्मद फैसल ने बताया कि ज्ञापन में संगठन ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि यह निर्णय केवल भविष्यलक्षी रूप से लागू हो, 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों की सेवा सुरक्षा व गरिमा की रक्षा की जाए और आवश्यक नीतिगत या विधायी उपाय कर लाखों शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित बनाया जाए।इस अवसर पर राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के पदाधिकारी सुरेश केशवानी,मोहम्मद फैसल अनूप खीचड़,महावीर धतरवाल,बहादुर सिंह,मोहम्मद रमजान,बबीता वर्मा,भावना मक्कड़,अर्चना मीणा, सुमन ओझा,लक्ष्मी,अलका,भारती,राजेंद्र व्यास,सुरेश व्यास, विनोद शर्मा,अलसीराम,जगदीश मंडा,श्रीराम खिलेरी,पूनम गोदारा,पूनम विश्नोई,विद्या पारीक,अमित गुरिया,अशोक पंवार सहित प्रदेश कार्यकारिणी के समस्त पदाधिकारीयों ने प्रधानमंत्री से शीघ्र हस्तक्षेप कर शिक्षकों को राहत दिलाने की मांग की