जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री का फैसला सबसे बड़ा चौंकाने वाला हो सकता है। अब तक बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्रियों के नामों का ऐलान किया है। उनसे यही संकेत मिल रहे हैं कि राजस्थान उससे भी बड़ा सरप्राइज मिल सकता है। हालांकि पिछले 4-5 दिन से मीडिया की ओर से कई राष्ट्रीय नेताओं और सीनियर विधायकों के नाम सुर्खियों में रहे लेकिन पीएम मोदी अपनी कार्यशैली के मुताबिक सबको चौंका सकते हैं। मौजूदा विधायकों में से अगर नया मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो पहली बार विधायक बनने वाले नेता की भी किस्मत खुल सकती है। मुख्यमंत्री का नाम तय होने से कुछ ही मिनट पहले उन्हें कॉल करके सूचना दी जाएगी। मोबाइल की घंटी किसी की भी बज सकती है। अब देखना है कि मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा से पहले विधायक दल की बैठक के लिए दिल्ली से जयपुर पहुंच रहे पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह किसका नाम का राज दिल में दबा कर ला रहे हैं…

इन नेताओं की खुल सकती है सियासी किस्मत

जयपुर से विधायक बनीं दीया कुमारी
जयपुर राजघराने की पूर्व सदस्य दीया कुमारी ने वर्ष 2013 में राजनीति में एंट्री की। उन्होंने सवाई माधोपुर से चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक बनी। बाद में बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें राजसमंद से लोकसभा से टिकट दिया तो दीया ने जीत दर्ज की और सांसद बन गई। इस बार सांसद रहते हुए उन्हें जयपुर की विद्याधर नगर सीट से टिकट दिया। दीया कुमारी ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की। छत्तीसगढ़ में आदिवासी और मध्य प्रदेश में ओबीसी सीएम तय किए जाने के बाद राजस्थान सामान्य वर्ग से मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना है। वह सामान्य वर्ग से हैं और महिला भी हैं। मुख्यमंत्री के लिए दीया की किस्मत का ताला खुल सकता है।

सबसे बड़े क्षेत्र से जीतने वाले कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़

पूर्व ओलंपियन कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को बीजेपी ने सबसे सुरक्षित सीट से चुनाव लड़वाया। वे जयपुर ग्रामीण सीट से दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं। अब राजस्थान के सबसे बड़े विधानसभा क्षेत्र झोटवाड़ा से विधायक बनकर विधानसभा में एंट्री कर रहे हैं। सामान्य वर्ग और युवा को अवसर देते हुए उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।

पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी

वासुदेव देवनानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पुराने कार्यकर्ता हैं। संघ पृष्ठभूमि के कारण बीजेपी उन्हें हर बार टिकट देती आई है। अजमेर उत्तर विधानसभा सीट में वे लगातार चौथी बार विधायक बने हैं। पूर्व में वे मंत्री भी रह चुके हैं और उन्हें कार्य का अनुभव भी है। संघ से जुड़े होने की वजह से देवनानी की किस्मत का ताला खुलने की संभावनाएं भी जताई जा रही है।

चुनाव में उम्मीदवार सूची में चौंकाने वाला नाम भजनलाल शर्मा

भरतपुर के रहने वाले भजनलाल शर्मा संगठन में लंबे समय से कार्यरत हैं। वे प्रदेश महामंत्री के तौर पर कार्य करते रहे हैं। बीजेपी ने उन्हें पहली बार जयपुर की सांगानेर जैसी सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ाया। मौजूदा विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर भजनलाल शर्मा को प्रत्याशी बनाया। सांगानेर सीट भाजपा का गढ़ है। लिहाजा भजनलाल शर्मा ने जीत दर्ज की। संगठन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उन्हें मुख्यमंत्री पद का तोहफा देकर चौंकाया जा सकता है।

सांसद और प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी

पीएम मोदी के खास माने जाने वाले चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी की किस्मत खुलने की भी संभावनाएं जताई जा रही है। हालांकि सीपी जोशी को पार्टी ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ाया लेकिन अगर गैर विधायकों में से किसी युवा नेतृत्व को अवसर दिया गया तो सीपी जोशी का नाम पहले नंबर पर बताया जा रहा है।

पुष्पेंद्र सिंह राणावत की खुल सकती है किस्मत

पुष्पेंद्र सिंह राणावत पाली जिले के बाली विधानसभा क्षेत्र से छह बार विधायक चुने गए हैं। अगर बीजेपी नए विधायकों को मौका ना देकर किसी सीनियर विधायक को अवसर देने का मानस बना रही है तो पुष्पेंद्र राणावत की किस्मत खुल सकती है।

संगठन में सक्रिय सुनील बंसल भी रेस में…

पिछले कई सालों से संगठन में सक्रिय रहकर काम करने वाले सुनील बंसल को भी बड़ा इनाम दिए जाने की संभावना जताई जा रही है। जयपुर के पास कोटपूतली े रहने वाले बंसल पहले राजस्थान में ही कार्य करते थे लेकिन वर्ष 2014 में उन्हें यूपी का प्रभारी बनाकर भेजा। उनके नेतृत्व में हुए दो चुनावों में बीजेपी को बड़ी जीत मिली। हालांकि राजस्थान के प्रमुख अखबारों ने उनका नाम नहीं उछाला और कोई संभावना जाहिर नहीं की लेकिन नेशनल मीडिया में सुनील बंसल को लेकर उन्हें सुर्खियों में ला दिया।